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7 Jan 2025 · 1 min read

कहते हैं पानी की भी याद होती है,

कहते हैं पानी की भी याद होती है,
बहता है… तो रहता है खुश
ठहर जाए तो सड़ने की शुरुआत होती है।

अपनी पर आए तो काट दे पत्थर,
वरना तो बस जमने और
उबलने की बात होती है।

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