Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 1 min read

ज़िंदगी की दौड़

सारी दोपहरी ढूँढने एक छाँव को चलता रहा
आगे मिलेगा शजर कोई मान के चलता रहा

आग बरसी सब तरफ़ फिर मैं था पानी ढूँढता
इक बूँद हासिल न थी फिर भी मैं चलता रहा

जाना कहाँ है उस डगर का नामोनिशाँ कोई न था
सब चल रहे थे भीड़ में चुप और मैं चलता रहा

जाने कहाँ पर इक जगह ज़िंदा मरा पढ़ लिया
कोई मुझे मुर्दा न समझे इसलिए चलता रहा

1 Like · 90 Views
Books from Dr. Rajeev Jain
View all

You may also like these posts

तेरा राम
तेरा राम
seema sharma
एक व्यंग्य 😀औरों का लिक्खा पढ़ो,मिली हमें ये सीख
एक व्यंग्य 😀औरों का लिक्खा पढ़ो,मिली हमें ये सीख
Dr Archana Gupta
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
आर.एस. 'प्रीतम'
पूर्वोत्तर के भूले-बिसरे चित्र (समीक्षा)
पूर्वोत्तर के भूले-बिसरे चित्र (समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दीप दीवाली का
दीप दीवाली का
कुमार अविनाश 'केसर'
इस नये दौर में
इस नये दौर में
Surinder blackpen
माँ
माँ
sheema anmol
दोहा पंचक. . . . जीवन
दोहा पंचक. . . . जीवन
Sushil Sarna
मेरा प्यार
मेरा प्यार
Shashi Mahajan
!! मैं उसको ढूंढ रहा हूँ !!
!! मैं उसको ढूंढ रहा हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
सिर्फ तुम्हारे हो जाएँ
सिर्फ तुम्हारे हो जाएँ
Sagar Yadav Zakhmi
मज़दूर
मज़दूर
आशा शैली
दर्द जब इतने दिये हैं तो दवा भी देना
दर्द जब इतने दिये हैं तो दवा भी देना
सुशील भारती
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नहीं होते यूं ही रिश्तें खत्म
नहीं होते यूं ही रिश्तें खत्म
Seema gupta,Alwar
गर्दिशें वक़्त पर ही होती है
गर्दिशें वक़्त पर ही होती है
Dr fauzia Naseem shad
जुआं उन जोखिमों का कुंआ है जिसमे युधिष्ठिर अपना सर्वस्व हार
जुआं उन जोखिमों का कुंआ है जिसमे युधिष्ठिर अपना सर्वस्व हार
Rj Anand Prajapati
मेरा भाग्य और कुदरत के रंग..... मिलन की चाह
मेरा भाग्य और कुदरत के रंग..... मिलन की चाह
Neeraj Agarwal
हमें अपने स्रोत से तभी परिचित होते है जब हम पूर्ण जागते हैं,
हमें अपने स्रोत से तभी परिचित होते है जब हम पूर्ण जागते हैं,
Ravikesh Jha
ग़म के सागर में
ग़म के सागर में
SATPAL CHAUHAN
बिखरे हुए सपने हैं मेरे
बिखरे हुए सपने हैं मेरे
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्यों शमां मुझे लगे मधुमास ही तो है ।
क्यों शमां मुझे लगे मधुमास ही तो है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
जिसने भी तुमको देखा है पहली बार ..
जिसने भी तुमको देखा है पहली बार ..
Tarun Garg
याद हाथ को आ गया,
याद हाथ को आ गया,
sushil sarna
गई सुराही छूट
गई सुराही छूट
RAMESH SHARMA
*वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)*
*वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)*
Dushyant Kumar
माँ दया तेरी जिस पर होती
माँ दया तेरी जिस पर होती
Basant Bhagawan Roy
#पर्व_का_संदेश-
#पर्व_का_संदेश-
*प्रणय*
दुनिया रैन बसेरा है
दुनिया रैन बसेरा है
अरशद रसूल बदायूंनी
"जीवन की परिभाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...