Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2024 · 1 min read

” दिल गया है हाथ से “

गीत

हाथ ने जब हाथ थामा ,
दिल गया है हाथ से !!

है खुशी का दौर अब तो ,
पंख जैसे लग गये !
है विचारों की उड़ानें ,
ख्वाब रंगीं सज गये !
स्वप्न हाथों में समेटे ,
गये भय से कांप से !!

आज को हमने सजाया ,
कल यहाँ बिखरा लगे !
प्रीत जो झूँठी दिखाते ,
आज वे लगते ठगे !
गीत अधरों पर बसे हैं ,
हर्ष की बस थाप से !!

चाह किलकारी भरे है ,
राह में बस फूल हैं !
दर्द अब भी है कसकता ,
याद आते शूल हैं !
समय ने बदली है करवट ,
वक्त बदला आप से !!

अभी चढ़ना है कसौटी ,
जो हुए अनुबंध है !
जिंदगी में हर कदम पर ,
रोज मिलते द्वंद है !
स्वर्ण सा बस है निखरना ,
नहीं डरना ताप से !!

स्वरचित / रचियता :
बृज व्यास
शाजापुर ( मध्यप्रदेश )

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 241 Views

You may also like these posts

यूं तमाम शब तेरी ज़वानी की मदहोशी में गुजार दी,
यूं तमाम शब तेरी ज़वानी की मदहोशी में गुजार दी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमारा अन्नदाता
हमारा अन्नदाता
meenu yadav
मां - हरवंश हृदय
मां - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
88BET 143.215 – Link vào nhà cái 188BET hàng đầu tại Châu Á
88BET 143.215 – Link vào nhà cái 188BET hàng đầu tại Châu Á
88BET143215
वक्त को पीछे छोड़ दिया
वक्त को पीछे छोड़ दिया
Dheerja Sharma
बस एक बार और………
बस एक बार और………
डॉ. दीपक बवेजा
आहत हो कर बापू बोले
आहत हो कर बापू बोले
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जो तुम्हारे भीतर,
जो तुम्हारे भीतर,
लक्ष्मी सिंह
खुद से भाग कर
खुद से भाग कर
SATPAL CHAUHAN
*आर्य समाज को 'अल्लाहरक्खा रहमतुल्लाह सोने वाला' का सर्वोपरि
*आर्य समाज को 'अल्लाहरक्खा रहमतुल्लाह सोने वाला' का सर्वोपरि
Ravi Prakash
कुलदीप बनो तुम
कुलदीप बनो तुम
Anamika Tiwari 'annpurna '
सोच बदलें
सोच बदलें
Dr. Bharati Varma Bourai
अनंत की ओर _ 1 of 25
अनंत की ओर _ 1 of 25
Kshma Urmila
लक्ष्मी
लक्ष्मी
Bodhisatva kastooriya
Scattered existence,
Scattered existence,
पूर्वार्थ
उस देश का रहने वाला हूं
उस देश का रहने वाला हूं
राकेश पाठक कठारा
3104.*पूर्णिका*
3104.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इक उम्मीद
इक उम्मीद
शिव प्रताप लोधी
वीरबन्धु सरहस-जोधाई
वीरबन्धु सरहस-जोधाई
Dr. Kishan tandon kranti
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
Govind Kumar Pandey
* पहेली *
* पहेली *
surenderpal vaidya
रस्म उल्फत की यह एक गुनाह में हर बार करु।
रस्म उल्फत की यह एक गुनाह में हर बार करु।
Phool gufran
मैं पुरुष हूं
मैं पुरुष हूं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
दुआओं में जिनको मांगा था।
दुआओं में जिनको मांगा था।
Taj Mohammad
कहे साँझ की लालिमा ,
कहे साँझ की लालिमा ,
sushil sarna
"एक नज़्म तुम्हारे नाम"
Lohit Tamta
"फेसबूक के मूक दोस्त"
DrLakshman Jha Parimal
■ तो समझ लेना-
■ तो समझ लेना-
*प्रणय*
हालातों में क्यूं हम
हालातों में क्यूं हम
Shinde Poonam
Loading...