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6 Jul 2024 · 1 min read

सबक

दो घंटे से कक्षा कक्ष में
अध्यापन में संलग्न,
अचानक से संलग्नता टूटी
ध्यान छत के पंखे पर गया
जो विद्युत अनापूर्ति से रुक गया ।
आश्चर्य है दो घण्टे में एक भी बार
पंखे पर ध्यान न गया
न ही इस सुविधा के प्रति
मन अनुग्रहीत ही था
जब तक वह शांत, निर्बाध
हवा दे रहा था।
पर उसके रुकते ही उसकी
उपस्थिति व महत्ता का अहसास हुआ ।
xxx xxx xxx
जिन्दगी में भी ऐसे ही
हमें एहसास भी नहीं होता
कि अनायास कितना कुछ प्राप्त है
अहसास होता भी है
तो उसके रुक जाने के बाद
चाहे वो रिश्ते हों, प्रकृति हो
या हम और हमारा शरीर ।

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