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5 Jul 2024 · 1 min read

शेर-शायरी

आ के नज़दीक मुँह न फेर ग़ज़ल
पास आ बैठ थोड़ी देर ग़ज़ल
सब तेरे नूर से चमकते हैं
लफ्ज़ मिसरे ख़याल शेर ग़ज़ल

संदीप ठाकुर

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