ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
आदमी क्यों खाने लगा हराम का
शब का आँचल है मेरे दिल की दुआएँ,
देश की संस्कृति और सभ्यता की ,
'सत्यमेव जयते' कहने में अच्छा है
अन्तर्राष्टीय मज़दूर दिवस
मेरी माँ "हिंदी" अति आहत
Rekha Sharma "मंजुलाहृदय"
कोई हमारे लिए जब तक ही खास होता है
गुरु ही साक्षात ईश्वर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
छुआ है जब से मैंने उम्र की ढलान को,