Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jun 2024 · 1 min read

कठिनताओं की आवाजाही हीं तो, जीवन को लक्ष्य से मिलवाती है।

कठिनताओं की आवाजाही हीं तो, जीवन को लक्ष्य से मिलवाती है,
धरातल को मिलती पीड़ाएँ हीं, उसकी उर्वरता को बढ़ाती है।
पथ की सुगमताएँ, पथिक को चलना तो सिखलाती हैं,
पर ठोकरों की भेंट मिले तो, यात्रा सार्थकता को पाती है।
सूरज हर क्षण संग जो हो तो, नींदें कहाँ फिर आती हैं,
दीये की रौशनी का मूल्य, स्याह अन्धकार हीं तो समझाती है।
ठहरे जल की नियति है, जो दुर्गति की दिशा में पहुंचाती है,
बहती नदी की शक्ति देख जो, पापों को धोकर दिखलाती है।
गति लहरों की मद्धम हो तो, मृत्यु में जा कर वो समाती है,
पर संघर्षशील बवंडर का रूप हो जब वो, कश्तियों को तलहटी में सुलाती है।
जो बंद द्वारों पर शिथिल हो बैठे, तो असफलता व्यंग्य बनाती है,
निश्चय में दृढ़ता का भाव हो तो, नव-आयामों की श्रृंखला लग जाती है।
संबंधों में छल का समावेश हीं तो, कठोरता संवेदनाओं की बढ़ाती है,
पर परिष्कृत से अपने-परायों के, सत्य-असत्य से भी मिलवाती है।
प्रतिबिम्ब में परिवर्तित होती ये छवि स्वयं की, जीवन की नश्वरता दर्शाती है,
‘आदि हीं अंत है’ इस शाश्वत कथन की, प्रमाणिकता को सिद्ध कर दिखलाती है।

2 Likes · 124 Views
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

"दाग़"
ओसमणी साहू 'ओश'
कोहरा
कोहरा
Dr. Mahesh Kumawat
■ तेवरी
■ तेवरी
*प्रणय*
सच हमारे जीवन के नक्षत्र होते हैं।
सच हमारे जीवन के नक्षत्र होते हैं।
Neeraj Agarwal
सूख कर कौन यहां खास ,काँटा हुआ है...
सूख कर कौन यहां खास ,काँटा हुआ है...
sushil yadav
प्रकृति
प्रकृति
Roopali Sharma
स्वतंत्र नारी
स्वतंत्र नारी
Manju Singh
"फेसबुक मित्रों की बेरुखी"
DrLakshman Jha Parimal
मिथिला -मैथिली: असमंजस स्थिति।
मिथिला -मैथिली: असमंजस स्थिति।
Acharya Rama Nand Mandal
जितने श्री राम हमारे हैं उतने श्री राम तुम्हारे हैं।
जितने श्री राम हमारे हैं उतने श्री राम तुम्हारे हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
इंसान का कोई दोष नही जो भी दोष है उसकी सोच का है वो अपने मन
इंसान का कोई दोष नही जो भी दोष है उसकी सोच का है वो अपने मन
Rj Anand Prajapati
**पर्यावरण दिवस **
**पर्यावरण दिवस **
Dr Mukesh 'Aseemit'
अन्तिम स्वीकार ....
अन्तिम स्वीकार ....
sushil sarna
खिड़की रोशनदान नदारद, (सरसी छंद )
खिड़की रोशनदान नदारद, (सरसी छंद )
RAMESH SHARMA
उम्मीदें और रिश्ते
उम्मीदें और रिश्ते
पूर्वार्थ
#ਪੁਕਾਰ
#ਪੁਕਾਰ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
"हर राह पर खड़ा होगा तेरी हिफाजत करने वाला
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
नीम का पेड़
नीम का पेड़
Jai Prakash Srivastav
हजार वेळां हारणौ पड़ै है
हजार वेळां हारणौ पड़ै है
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
हर इंसान को भीतर से थोड़ा सा किसान होना चाहिए
हर इंसान को भीतर से थोड़ा सा किसान होना चाहिए
ruby kumari
संवेदना
संवेदना
Saraswati Bajpai
🌸 आने वाला वक़्त 🌸
🌸 आने वाला वक़्त 🌸
Mahima shukla
इतने अच्छे मौसम में भी है कोई नाराज़,
इतने अच्छे मौसम में भी है कोई नाराज़,
Ajit Kumar "Karn"
गांधीजी की नीतियों के विरोधी थे ‘ सुभाष ’
गांधीजी की नीतियों के विरोधी थे ‘ सुभाष ’
कवि रमेशराज
सवैया
सवैया
अवध किशोर 'अवधू'
*गाथा गाओ हिंद की, अपना प्यारा देश (कुंडलिया)*
*गाथा गाओ हिंद की, अपना प्यारा देश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Exam Stress
Exam Stress
Tushar Jagawat
भूल भूल हुए बैचैन
भूल भूल हुए बैचैन
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
***************गणेश-वंदन**************
***************गणेश-वंदन**************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"फर्क"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...