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18 May 2024 · 1 min read

सूख कर कौन यहां खास ,काँटा हुआ है...

78…
26.4.24.
Madiid musamman saalim maKHbuun
faa’ilaatun fa’ilun faa’ilaatun fa’ilun
2122 112 2122 112

सूख कर कौन यहां खास ,काँटा हुआ है
आज तुम देख लो ऐसा ,तमाशा हुआ है
#
जंग मे हारा हुआ, लौट आया है हताश
महफिलों आप वही, तो नकारा हुआ है
#
कौन है बेच दे , सौदा कभी घाटे यहाँ
जब तलक मंदी का आगे , इशारा हुआ है
#
हम नहीं अपना सके, राह जो भूल गए
छोड़ के आना उसे, कब गवारा हुआ है
#
हम तरसते ही रहे इक बुलंदी को सुशील
भीतरी दर्द मिरा सब्र मारा हुआ है
#
सुशील यादव
न्यू आदर्श नगर
जोन 1 स्ट्रीट 3 दुर्ग छत्तीसगढ़

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