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13 Nov 2018 · 1 min read

माँ

माँ दिया जन्म तुमने, बना दिया अस्तित्व मेरा।
अपने हाड-माँस से।
माँ कर दिया खड़ा तुमने, मुझे इस संसार में।
अपने दूध-रक्त से।
माँ सजा दिया मुझे तुमने, लगा काज़ल का टीका।
अपने ईश्वरी हाथों से।
माँ सिखा दिया चलना तुमने, छोटे-छोटे कदम भरना।
अपनी ऊँगली के सहारे से।
माँ पढ़ा दिया तुमने, दे दिया ज्ञान संसार का।
अपने ज्ञान ग्रंथ सागर से।
माँ सिखा दिए संस्कार तुमने, बड़ो से व्यवहार का।
अपने प्रेममयी शब्दों से।
माँ कर दिया विदा तुमने, अपनी परछाई बना कर।
अपने हृदय को कठोर करके, अश्क तो तुम भी बहती हो।
पर दिखाती नही कभी,अपने हाव-भाव से।
माँ कर दिया अर्पण सब तुमने ,मुझे बनाने में।
कर सकूँ प्रदीप्तिमान मैं भी, किसी का आँगन।
तुम्हारे जलाए हुए दीप से।
तुम्हारे जलाए हुए दीप से।
तुम्हारे जलाए हुए दीप से ,माँ।

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