Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2024 · 1 min read

आँखों मे नये रंग लगा कर तो देखिए

आँखों मे नये रंग लगा कर तो देखिए
चश्मे से आप ज़रा धूल चटा कर तो देखिए
दिल से करूँगा स्वागत हमेशा
आप कभी दिल मे समा कर तो देखिए।

Language: Hindi
75 Views

You may also like these posts

बेशक संघ ने काम अच्छा किया है, आगे भी करेगा।
बेशक संघ ने काम अच्छा किया है, आगे भी करेगा।
Ajit Kumar "Karn"
जा रहा है
जा रहा है
Mahendra Narayan
एक दूसरे से बतियाएं
एक दूसरे से बतियाएं
surenderpal vaidya
कुंडलिया ....
कुंडलिया ....
sushil sarna
हैं सितारे डरे-डरे फिर से - संदीप ठाकुर
हैं सितारे डरे-डरे फिर से - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
"सुन रहा है न तू"
Pushpraj Anant
ये  शराफत छोड़िए  अब।
ये शराफत छोड़िए अब।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
संवेदनापूर्ण जीवन हो जिनका 🌷
संवेदनापूर्ण जीवन हो जिनका 🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
उम्मीद
उम्मीद
Sudhir srivastava
शोर है दिल में कई
शोर है दिल में कई
Mamta Rani
ये राष्ट्रभक्ति का उपहार प्रिये
ये राष्ट्रभक्ति का उपहार प्रिये
Acharya Shilak Ram
12) “पृथ्वी का सम्मान”
12) “पृथ्वी का सम्मान”
Sapna Arora
🙅इस बार भी🙅
🙅इस बार भी🙅
*प्रणय*
23/131.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/131.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बिटिया !
बिटिया !
Sangeeta Beniwal
कोई बोले नहीं सुन ले,  होता है कब कहां
कोई बोले नहीं सुन ले, होता है कब कहां
Suryakant Dwivedi
स्तंभ बिन संविधान
स्तंभ बिन संविधान
Mahender Singh
"सफर अधूरा है"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम्हारी याद तो मेरे सिरहाने रखें हैं।
तुम्हारी याद तो मेरे सिरहाने रखें हैं।
Manoj Mahato
गुजरा ज़माना
गुजरा ज़माना
Dr.Priya Soni Khare
वो एक एहसास
वो एक एहसास
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
*बातें कुछ लच्छेदार करो, खुश रहो मुस्कुराना सीखो (राधेश्यामी
*बातें कुछ लच्छेदार करो, खुश रहो मुस्कुराना सीखो (राधेश्यामी
Ravi Prakash
जीवन ज्योति
जीवन ज्योति
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
आदित्य निसर्ग
आदित्य निसर्ग
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
“I’m immersed in myself, observing the lives of others does
“I’m immersed in myself, observing the lives of others does
पूर्वार्थ
ओशो रजनीश ~ रविकेश झा
ओशो रजनीश ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
चिरस्थायी भविष्य के लिए जेंडर समानता
चिरस्थायी भविष्य के लिए जेंडर समानता
Dr. AMIT KUMAR DIXIT
শিবের কবিতা
শিবের কবিতা
Arghyadeep Chakraborty
हम तुम
हम तुम
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
Loading...