Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Nov 2024 · 1 min read

दोहा त्रयी. . . . .

दोहा त्रयी. . . . .

बिना आग उठता नहीं, धुआँ कभी सरकार ।
कह देती है आँख सब, हाल दिलों का यार ।।

लिव इन के नव रोग से, दूषित हुआ समाज ।
ऐसे कुत्सित कृत्य से, तनिक न आती लाज ।।

लिव -इन को मिलता नहीं, सामाजिक सम्मान ।
अपमानित सर्वत्र फिर , होता वो इंसान ।।

सुशील सरना / 21-11-24

36 Views

You may also like these posts

पानी का संकट
पानी का संकट
Seema gupta,Alwar
प्रेम में अहम् नहीं,
प्रेम में अहम् नहीं,
लक्ष्मी सिंह
क्योंकि वह एक सिर्फ सपना था
क्योंकि वह एक सिर्फ सपना था
gurudeenverma198
तेरा मुझे याद करना मेरी हिचकियों का ना थमना -
तेरा मुझे याद करना मेरी हिचकियों का ना थमना -
bharat gehlot
ओ माँ मेरी लाज रखो
ओ माँ मेरी लाज रखो
Basant Bhagawan Roy
😊
😊
*प्रणय*
हालात ही है जो चुप करा देते हैं लोगों को
हालात ही है जो चुप करा देते हैं लोगों को
Ranjeet kumar patre
क्या करूं मैं!            भुलके भी तुझे कभी नहीं भुला सका।
क्या करूं मैं! भुलके भी तुझे कभी नहीं भुला सका।
Iamalpu9492
* धीरे धीरे *
* धीरे धीरे *
surenderpal vaidya
हम लिखते हैं
हम लिखते हैं
Dr. Kishan tandon kranti
हृदय तूलिका
हृदय तूलिका
Kumud Srivastava
जब मेरी नज़र से देखोगे तब मेरी दहर को समझोगे।
जब मेरी नज़र से देखोगे तब मेरी दहर को समझोगे।
Kumar Kalhans
पिछले पन्ने 9
पिछले पन्ने 9
Paras Nath Jha
न बदले...!
न बदले...!
Srishty Bansal
दिन - रात मेहनत तो हम करते हैं
दिन - रात मेहनत तो हम करते हैं
Ajit Kumar "Karn"
स्वयं के जीवन में अगर हम दूसरे की सफलता को स्वीकार नहीं करते
स्वयं के जीवन में अगर हम दूसरे की सफलता को स्वीकार नहीं करते
ललकार भारद्वाज
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ*/ *दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ*/ *दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
मज़दूर दिवस
मज़दूर दिवस
Shekhar Chandra Mitra
ऐसी कौन सी चीज़ है..
ऐसी कौन सी चीज़ है..
Vishal Prajapati
इश्क़ का कारोबार
इश्क़ का कारोबार
Mamta Rani
कविता ही तो परंम सत्य से, रूबरू हमें कराती है
कविता ही तो परंम सत्य से, रूबरू हमें कराती है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
संकल्प
संकल्प
Shashank Mishra
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना  मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
तुम पढ़ो नहीं मेरी रचना मैं गीत कोई लिख जाऊंगा !
DrLakshman Jha Parimal
वो मुझे बस इतना चाहती है,
वो मुझे बस इतना चाहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बनारस का घाट
बनारस का घाट
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सब भुला कर चल दिए
सब भुला कर चल दिए
Jyoti Roshni
सुनो
सुनो
sheema anmol
सत्य का सामना करना आ गया।
सत्य का सामना करना आ गया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सुहागन का शव
सुहागन का शव
अनिल "आदर्श"
कृपाण घनाक्षरी (करवा चौथ )
कृपाण घनाक्षरी (करवा चौथ )
guru saxena
Loading...