Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Oct 2024 · 1 min read

*मनः संवाद—-*

मनः संवाद—-
11/10/2024

मन दण्डक — नव प्रस्तारित मात्रिक (38 मात्रा)
यति– (14,13,11) पदांत– Sl

जिनके लक्ष्य बड़े होते, वो घबराते ही नहीं, जब हो छोटी बात।
उनके भाग्य उदय होते, जो जागा इंसान है, वही जागते रात।।
कार्य जल्द पूरा करना, कड़े परिश्रम से सदा, मिलती है सौगात।
उनको परास्त कर ले जो, कहीं नहीं वो सूरमा, किसकी है औकात।।

मैं तो बहता पानी हूँ, कई मोड़ मिलते मुझे, आगे बढ़ना काम।
सागर मेरी मंजिल से, यूँ तो बहकाते बहुत, इन सबसे उपराम।।
मेरा लक्ष्य सुनिश्चित है, नहीं सहारा चाहिए, देता जल बेदाम।
मेरा जीवन सार्थक है, परोपकारी भावना, नहीं चाहता नाम।।

— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य, (बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)
━━✧❂✧━━✧❂✧━━✧❂✧━━

51 Views

You may also like these posts

“मंजर”
“मंजर”
Neeraj kumar Soni
"दीदार"
Dr. Kishan tandon kranti
ऐ जिंदगी
ऐ जिंदगी
अनिल "आदर्श"
थोड़ा सा ठहर जाओ तुम
थोड़ा सा ठहर जाओ तुम
शशि कांत श्रीवास्तव
भक्त बनो हनुमान के,
भक्त बनो हनुमान के,
sushil sarna
पराया दर्द
पराया दर्द
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
यार हम कैसे करें
यार हम कैसे करें
Ashwani Kumar
न कोई जगत से कलाकार जाता
न कोई जगत से कलाकार जाता
आकाश महेशपुरी
अनाथों सी खूंँटियांँ
अनाथों सी खूंँटियांँ
Akash Agam
चलते चलते थक गए, अपने सबके पांव।
चलते चलते थक गए, अपने सबके पांव।
Suryakant Dwivedi
ऐ पत्नी !
ऐ पत्नी !
भूरचन्द जयपाल
सभ्यों की 'सभ्यता' का सर्कस / मुसाफिर बैठा
सभ्यों की 'सभ्यता' का सर्कस / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
मैं चाहता हूं इस बड़ी सी जिन्दगानी में,
मैं चाहता हूं इस बड़ी सी जिन्दगानी में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिंदगी
जिंदगी
Phool gufran
मुझे नहीं पसंद किसी की जीहुजूरी
मुझे नहीं पसंद किसी की जीहुजूरी
ruby kumari
बिल्ली
बिल्ली
Vijay kumar Pandey
कोंपलें फिर फूटेंगी
कोंपलें फिर फूटेंगी
Saraswati Bajpai
World stroke day
World stroke day
Tushar Jagawat
-मोहब्बत का रंग लगाए जाओ -
-मोहब्बत का रंग लगाए जाओ -
bharat gehlot
नहीं-नहीं प्रिये
नहीं-नहीं प्रिये
Pratibha Pandey
दाढ़ी में तेरे तिनका है, ओ पहरे करने वाले,
दाढ़ी में तेरे तिनका है, ओ पहरे करने वाले,
ओसमणी साहू 'ओश'
खो गई हो
खो गई हो
Dheerja Sharma
4170.💐 *पूर्णिका* 💐
4170.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सजी सारी अवध नगरी
सजी सारी अवध नगरी
Rita Singh
धीरे धीरे अंतस का
धीरे धीरे अंतस का
हिमांशु Kulshrestha
तसल्ली के लिए इक इक कोने की तलाशी कर लो
तसल्ली के लिए इक इक कोने की तलाशी कर लो
शिव प्रताप लोधी
मां का महत्त्व
मां का महत्त्व
Mangilal 713
दुःख,दिक्कतें औ दर्द  है अपनी कहानी में,
दुःख,दिक्कतें औ दर्द है अपनी कहानी में,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कुएं के मेंढकों को
कुएं के मेंढकों को "नवाचार" ना तो समझ आता है, ना ही पसंद। टर
*प्रणय*
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...