डिज़िटल युग का पदार्पण हो गया! हम द्रुत गति से सफलता के सभी आ
अपने होने का क्या पता दोगे ।
अच्छा स्वस्थ स्वच्छ विचार ही आपको आत्मनिर्भर बनाते है।
हे मेरे वतन, तुझपे कुर्बान हम
चंद सवालात हैं खुद से दिन-रात करता हूँ
कभी हमारे शहर आओ तो मिल लिया करो
धड़कनों में प्यार का संचार है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
" नाराज़गी " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पचड़ों में पड़ना ही पड़ता है (गीतिका)
मत जलाओ तुम दुबारा रक्त की चिंगारिया।
कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
राम
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
तारों से अभी ज्यादा बातें नहीं होती,
अब ऐसे दस्तूर हुए हैं
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
यूँ न फेंको गुलाल.. रहने दो.!
जीवन में मन , वाणी और कर्म से एकनिष्ठ होकर जो साधना में निरं