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21 Mar 2024 · 1 min read

आधे अधूरे ख्वाब

जिन्दगी मे रह जाते हैं,
भावनाओ मे बह जाते हैं।
कुछ ख्वाब हमेशा ही सबके,
आधे अधूरे रह जाते हैं।।

आंसुओ संग बह जाते हैं,
अरमान धरे के धरे रह जाते हैं।
कुछ ख्वाब जरूरी होते हैं पर,
आधे अधूरे रह जाते हैं।।

जिन्दगी मे बस द्वेष रह जाते हैं,
रिक्त स्थानो मे क्लेश रह जाते हैं।
कुछ ख्वाब ताउम्र हमारे भी तो,
आधे अधूरे रह जाते हैं।।

मन मे एक टीस रह जाती हैं,
कुछ ना कुछ कशिश रह जाती हैं।
कुछ ख्वाब यहा सभी के,
आधे अधूरे रह जाते हैं।।

जीवन मे हैं साथ जरूरी,
तालमेल हैं बहुत जरूरी।
ख्वाब हो टूटे चाहे कितने,
ख्वाब देखना बहुत जरूरी।।

ख्वाब ख्वाब ही रह जाते हैं,
ख्वाब हकीकत बन जाते हैं।
ख्वाब देखकर सो जाये जो,
ख्वाब अधूरे रह जाते हैं।।

ललकार भारद्वाज

Language: Hindi
115 Views
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