Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Feb 2024 · 1 min read

■ अटल सत्य…

■ अटल सत्य…
जो अपनी आकांक्षाओं और आवश्यकताओं से विमुक्त हो जाता है, उसे कोई भी अपने अधीन नहीं कर सकता। न कोई मठाधीश, न कोई शासक।।
यह हर युग का शाश्वत सच है। फिर चाहे वो युग महर्षि भृगु या दुर्वासा का हो। संत शिरोमणि रैदास का हो या संत कबीर का। हज़रत सरमद और मंसूर का हो या महाप्राण निराला और बाबा नागार्जुन का। दिव्य-कथा मन्दाकिनी के भागीरथ पूज्य गुरुदेव श्री राजेश्वरानंद जी और संत प्रवर मोरारी बापू का हो या फिर———-।।
【प्रणय प्रभात】

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 159 Views

You may also like these posts

🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वो मुझे अपना पहला प्रेम बताती है।
वो मुझे अपना पहला प्रेम बताती है।
पूर्वार्थ
हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए– गीत
हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए– गीत
Abhishek Soni
सादगी
सादगी
Sudhir srivastava
होली के पावन पर्व पर पुलवामा शहीदों और पल - पल शहीद होते अन्
होली के पावन पर्व पर पुलवामा शहीदों और पल - पल शहीद होते अन्
Seema Verma
मां सीता की अग्नि परीक्षा ( महिला दिवस)
मां सीता की अग्नि परीक्षा ( महिला दिवस)
Rj Anand Prajapati
मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
Parvat Singh Rajput
क्रिकेट
क्रिकेट
SHAMA PARVEEN
छठ का शुभ त्यौहार
छठ का शुभ त्यौहार
surenderpal vaidya
इंसान अच्छा है या बुरा यह समाज के चार लोग नहीं बल्कि उसका सम
इंसान अच्छा है या बुरा यह समाज के चार लोग नहीं बल्कि उसका सम
Gouri tiwari
पिता
पिता
Ashwini sharma
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शीर्षक - तृतीय माँ
शीर्षक - तृतीय माँ
Neeraj Agarwal
संवेदना का फूल
संवेदना का फूल
Minal Aggarwal
ना होंगे परस्त हौसले मेरे,
ना होंगे परस्त हौसले मेरे,
Sunil Maheshwari
तसल्ली के लिए इक इक कोने की तलाशी कर लो
तसल्ली के लिए इक इक कोने की तलाशी कर लो
शिव प्रताप लोधी
*जो खान-पान में चूक गया, वह जीवन भर पछताएगा (राधेश्यामी छंद
*जो खान-पान में चूक गया, वह जीवन भर पछताएगा (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
रीत की वात अवं किनखs भावज
रीत की वात अवं किनखs भावज
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
हे राम तुम्हारे आने से बन रही अयोध्या राजधानी।
हे राम तुम्हारे आने से बन रही अयोध्या राजधानी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ब्रह्मांड की आवाज
ब्रह्मांड की आवाज
Mandar Gangal
जिक्र
जिक्र
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
इम्तिहान
इम्तिहान
Mamta Rani
ब्राह्मण
ब्राह्मण
Sanjay ' शून्य'
ଏହା ହେଉଛି ପବନ
ଏହା ହେଉଛି ପବନ
Otteri Selvakumar
प्राण प्रतिष्ठा
प्राण प्रतिष्ठा
Laxmi Narayan Gupta
कितनी जमीन?
कितनी जमीन?
Rambali Mishra
ग़ज़ल - बड़े लोगों की आदत है!
ग़ज़ल - बड़े लोगों की आदत है!
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
😘मानस-मंथन😘
😘मानस-मंथन😘
*प्रणय*
2927.*पूर्णिका*
2927.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किताब
किताब
अवध किशोर 'अवधू'
Loading...