Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2022 · 1 min read

We Would Be Connected Actually

I caressed the memories once again,
That had been touched by us together then.
The flower had been picked by me randomly,
But been preserved by you beautifully!
you saved the half-piece on your dashboard,
So that you could feel my presence wherever you explored!
The wind is still singing in those tiny leaves,
Where the moments and our fragrance have been locked, the heart believes.
The memento must have been dried up now,
Still, that has the power to drag up all the emotions that I tried not to allow.
This night and this silvery sky have taken me to that foggy edge,
Where we held hands and were lost in that misty cage.
Our wavelength must have tied us together eventually,
Even if you were on the next planet, we would be connected actually.

Language: English
Tag: Poem
5 Likes · 1 Comment · 584 Views
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

होने को अब जीवन की है शाम।
होने को अब जीवन की है शाम।
Anil Mishra Prahari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
तरंगिणी की दास्ताँ
तरंगिणी की दास्ताँ
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
ये  दुनियाँ है  बाबुल का घर
ये दुनियाँ है बाबुल का घर
Sushmita Singh
छंद मुक्त कविता : विघटन
छंद मुक्त कविता : विघटन
Sushila joshi
युवतियों को देखकर भटक जाता हूँ रास्ता
युवतियों को देखकर भटक जाता हूँ रास्ता
पूर्वार्थ
3463🌷 *पूर्णिका* 🌷
3463🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
अधूरा नहीं हूँ मैं तेरे बिना
अधूरा नहीं हूँ मैं तेरे बिना
gurudeenverma198
प्रश्न  शूल आहत करें,
प्रश्न शूल आहत करें,
sushil sarna
बच्चो की कविता -गधा बड़ा भोला
बच्चो की कविता -गधा बड़ा भोला
अमित
अरे ! पिछे मुडकर मत देख
अरे ! पिछे मुडकर मत देख
VINOD CHAUHAN
ये दिल यादों का दलदल है
ये दिल यादों का दलदल है
Atul "Krishn"
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
पहने कपड़े सुनहरे चमकती हुई
पहने कपड़े सुनहरे चमकती हुई
Sandeep Thakur
इंसान हूं मैं आखिर ...
इंसान हूं मैं आखिर ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
★गहने ★
★गहने ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
गीतिका
गीतिका
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
“अपना बना लो”
“अपना बना लो”
DrLakshman Jha Parimal
गर्दिशें वक़्त पर ही होती है
गर्दिशें वक़्त पर ही होती है
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल-जितने पाए दर्द नुकीले
ग़ज़ल-जितने पाए दर्द नुकीले
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
मूल्य
मूल्य
Dr. Kishan tandon kranti
*मुहर लगी है आज देश पर, श्री राम के नाम की (गीत)*
*मुहर लगी है आज देश पर, श्री राम के नाम की (गीत)*
Ravi Prakash
नदियों की लहरें...
नदियों की लहरें...
भगवती पारीक 'मनु'
World Tobacco Prohibition Day
World Tobacco Prohibition Day
Tushar Jagawat
चाँद और इन्सान
चाँद और इन्सान
Kanchan Khanna
सोच-सोच में फर्क
सोच-सोच में फर्क
Ragini Kumari
*मंगलकामनाऐं*
*मंगलकामनाऐं*
*प्रणय*
मुहब्बत सचमें ही थी।
मुहब्बत सचमें ही थी।
Taj Mohammad
ज़िंदगी को अब फुर्सत ही कहां,
ज़िंदगी को अब फुर्सत ही कहां,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सीता स्वयंवर
सीता स्वयंवर
इंजी. संजय श्रीवास्तव
Loading...