खरी खरी

ये अव्यवस्था नहीं तो और क्या है, प्यारे.
चलने के लिए, पैरों का आगे पीछे होना,
चर्चा के लिए, दो और दो का चार होना,
अभिव्यक्ति में वाम और दक्षिणपंथ होना,
दौलत के स्तर पर अमीर गरीब वर्ग होना,
गरीब का अमीर, अमीर का गरीब होना,
भारत जैसे धार्मिक देश में पूंजीवाद आना,
देह को तरसना, घर मे चिराग लेकर आना,
विटामिन की दवाओं पर 18% टैक्स लेना,
कुपोषण क्षेत्र में दवा को बाजारू बनाना,
फोन कॉल एसएमएस को डेटा संग बेचना,
हर जगह सरदर्दी छोड़ कर ठेके पर बेचना,
ये अव्यवस्था नहीं तो और क्या है, प्यारे.
रसोई-गैस हो या डीजल पैट्रोल रेट लेना,
बिजली, पानी, उज्ज्वला, किसान निधि
खाद्य सुरक्षा व्यवस्था की भेंट चढ़ाये जाना
भेड़ बकरियों वाली पोस्ट में जगह देना,
आयोग की भर्तियों में लेटरल भर्ती करना,
मुख्य चुनाव आयुक्त भर्ती अनदेखी करना
कचहरी की साख अवहेलना कीये जाना ,
जिम्मेदारी जवाबदेही की अनदेखी करना ,
ये अव्यवस्था नहीं तो और क्या है, प्यारे.
बोलियां लगते,टैंडर निकलते नहीं देखा ,
ऐसा छल कपट प्रतिभागियों के साथ देखा
रातों रात कचहरी के हाथ बंधते देखा ,,
गोश्त के निर्यात में तीसरा स्थान देखा ,,
गाय मांस नहीं खाती है मानस मरते देखा,
चुनावों में इस ध्रुवीकरण होते आम देखा .
मुस्लिम गाय पालते देखे, हिंदू पूंछ काटते,
ये अव्यवस्था नहीं तो और क्या है, प्यारे.
प्रतिनिधित्व का बंटाधार करते लोग देखे,
आरक्षण के प्रयोग में नये आयाम देखे,
झूठे मुकदमे कर, अर्बन नक्सल नाम देते,
बुद्धिजीवी जमात को देशद्रोही कहते दिखे
संस्कृति को छीन, धर्म में आडंबर होते देखे
दूसरों न उजाड़ कर, खुद मालिक बन बैठे,
हल्दी की गांठ लेकर, चूहा पंसारी बन बैठा
ये अव्यवस्था नहीं तो और क्या है, प्यारे.