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1 Jul 2024 · 1 min read

★किसान ए हिंदुस्तान★

घर में तुम्हारे कभी भोजन ए पकवान नहीं होता चार दिवारी में निकल जातीं चीखें तुम्हारी अगर ईश्वर ने किया कृषक ए दान नहीं होता। और हल बैल पर हाथ रखकर निकलवाते हैं तस्वीरें कई मगर तस्वीरों से हर शख्स किसान नहीं होता। और होती हैं तारीफें हर कहानी की मगर कभी तेरी कहानियों का जिक्र ए बखान नहीं होता।।

★IPS KAMAL THAKUR ★

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