पलकों में शबाब रखता हूँ।

पलकों में शबाब रखता हूँ।
हाथों में गुलाब रखता हूँ।
चुरा न ले कोई ख़्वाबों को –
ख़्वाबों पे नकाब रखता हूँ।
सुशील सरना
पलकों में शबाब रखता हूँ।
हाथों में गुलाब रखता हूँ।
चुरा न ले कोई ख़्वाबों को –
ख़्वाबों पे नकाब रखता हूँ।
सुशील सरना