Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Mar 2024 · 2 min read

बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-157 से चयनित दोहे संयोजन- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’

157 बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-157
बिषय-“पैलाँ ,पैलें (पहले) दिनांक-30-3-2024
संयोजक- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
आयोजक- जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
प्राप्त प्रविष्ठियां :-
1
गय पैलाँ ससुरार में,भव स्वागत सतकार।
बेर-बेर जब जाय जो,लयँ हसिया उर जार।।
***
-शोभाराम दाँगी, नदनवारा
2
पैलाॅं लंबोदर सुमर,दूजैं शारद माइ।
तीजैं गुरु की वंदना,चौथें बाप मताइ।।
***
-भगवान सिंह लोधी’अनुरागी’ हटा
3
पैलां सें ठाडे इतै,बेशरमी सें आप।
बिन बुलाय ही आ गये ,रसता लो तुम नाप।।
***
-वीरेन्द्र चंसौरिया ,टीकमगढ़
4
पैलउं कैंकइ सें मिले,राम अजुद्या आय।
बिबिध भांति समझाय कें, दीन्ही ग्लानि मिटाय।।
***
-सुरेश तिवारी, बीना
5
परकम्मा दइ भाव से , शिव गौरा खौं घेर |
पैलाँ पूजै गनेश जू , सबरै रै गय‌ ‌ हेर ||
***
-सुभाष सिंघई , जतारा
6
-पेलऊँ पेल को बोलबो,दिल मे घर कर जात।
हेरन हँसन इशारे करवो, न चैन में जो जी रात।।
***
-विद्याशरण खरे, नौगांव
7
पैलाँ माँगें प्रेम सें, हाँत जोर कें बोट।
फिर मारें पुचकारकें,बे अन्तस में चोट।।
***
-डां.देवदत्त द्विवेदी, बड़ामलहरा
8
रावण नें खुद जान कैं ,पैलाॅं करी ॳॅंगाइ ।
पथरा पटकौ पाॅंव पै ,हरकैं नारि पराइ।।
***
-आशाराम वर्मा “नादान ” पृथ्वीपुर
9
पैलाॅं पैलें हम गये, होरी पे ससुरार।
सारी सारे मिल जुरै, खूब रंग दव यार।।
***
-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.बडागांव,झांसी
10

पैलाँ दुनिया में हतौ,सबखों सबसें प्यार।
हो गय ई कलकाल में,सब मतलब के यार।।
***
– अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निबाड़ी
11
घूँघट पैलाँ सिर हतौ,ती आँचर की छाँव।
नैचे नैना नार के,नीकौ लगतो गाँव।।
***
-प्रदीप खरे मंजुल,टीकमगढ़
12
पैलाँ गय ससरार सो ,भय भोजन सत्कार ।
दार भात रोटी कड़ीं ,पापर बरा अचार ।।
***
– प्रमोद मिश्रा, बल्देवगढ
13
पैलें जपलो भुनसराँ,अपने प्रभु को नाव।
काम सबइ बन जात हैं,कभउँ न रात अभाव।।
***
-श्यामराव धर्मपुरीकर ,गंजबासौदा,विदिशा
14
उठत भोर सियराम खों,पैलाँ शीश झुकाव।
जो जीवन जी ने दओ,ऊ के नित गुन गाव।।
***
डां.बी.एस.रिछारिया, छतरपुर
15
पैलां कर हरि कौ भजन, और करौ सत्संग।
नित नियम साधना करौ,रहै न देह कुसंग।।
***
-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवां
16
पैलो वंदन माइ खों,दूजो प्रभु के नाम।
रिद्धि सिद्धि पायें विपुल, सफल होंय सब काम।।
***
आशा रिछारिया जिला निवाड़ी
17
पैलाँ डारे पोइया,फिर बालम भरमाय।
अपनौ उल्लू साद कै,चूना हमें लगाय।।
***
एस. आर. सरल,टीकमगढ़
18
पैलाँ जु़र-मिल एक सँग, मनत हते त्योहार।
मन में बचो न प्रेम अब,भय एकल परवार।।
***
– अमर सिंह राय, नौगांव
######

1 Like · 104 Views
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all

You may also like these posts

देश 2037 में ही हो सकता है विकसित। बशर्ते
देश 2037 में ही हो सकता है विकसित। बशर्ते "इमोशनल" के बजाय "
*प्रणय*
जन्मभूमि
जन्मभूमि
Rahul Singh
"दोस्त-दोस्ती और पल"
Lohit Tamta
ये नव वर्ष हमको स्वीकार नही
ये नव वर्ष हमको स्वीकार नही
पूर्वार्थ
अदाकारी
अदाकारी
Suryakant Dwivedi
2957.*पूर्णिका*
2957.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुदरत है बड़ी कारसाज
कुदरत है बड़ी कारसाज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
यहां सभी लोग समय के चक्र में बंधे हुए है, जब सूर्य दिन के अल
यहां सभी लोग समय के चक्र में बंधे हुए है, जब सूर्य दिन के अल
Rj Anand Prajapati
"प्यासा"के गजल
Vijay kumar Pandey
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
Shivkumar Bilagrami
तुम इतने आजाद हो गये हो
तुम इतने आजाद हो गये हो
नेताम आर सी
भांति भांति जिन्दगी
भांति भांति जिन्दगी
Ragini Kumari
वीर शिवा की धरती है ये, इसको नमन करे संसार।
वीर शिवा की धरती है ये, इसको नमन करे संसार।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
सम-सामयिक दोहे
सम-सामयिक दोहे
Laxmi Narayan Gupta
शीर्षक – #जीवनकेख़राबपन्ने
शीर्षक – #जीवनकेख़राबपन्ने
Sonam Puneet Dubey
नव पल्लव आए
नव पल्लव आए
महेश चन्द्र त्रिपाठी
इश्क इवादत
इश्क इवादत
Dr.Pratibha Prakash
दीवारों की चुप्पी में राज हैं दर्द है
दीवारों की चुप्पी में राज हैं दर्द है
Sangeeta Beniwal
“बधाई हो बधाई सालगिरह”
“बधाई हो बधाई सालगिरह”
DrLakshman Jha Parimal
राम पर हाइकु
राम पर हाइकु
Sandeep Pande
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
बेवक़ूफ़
बेवक़ूफ़
Otteri Selvakumar
सारे नेता कर रहे, आपस में हैं जंग
सारे नेता कर रहे, आपस में हैं जंग
Dr Archana Gupta
"मीलों चलकर"
Dr. Kishan tandon kranti
यह कौनसा आया अब नया दौर है
यह कौनसा आया अब नया दौर है
gurudeenverma198
*लोकतंत्र जिंदाबाद*
*लोकतंत्र जिंदाबाद*
Ghanshyam Poddar
वीर तुम बढ़े चलो...
वीर तुम बढ़े चलो...
आर एस आघात
जिंदगी एक परीक्षा है काफी लोग.....
जिंदगी एक परीक्षा है काफी लोग.....
Krishan Singh
बुन्देली दोहा प्रतियोगिता -191 के श्रेष्ठ दोहे (छिड़िया)
बुन्देली दोहा प्रतियोगिता -191 के श्रेष्ठ दोहे (छिड़िया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
छंद
छंद
Avneesh Trivedi
Loading...