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31 Dec 2016 · 1 min read

चलो ये नया साल ऐसे मनायें

चलो ये नया साल ऐसे मनायें
बुजुर्गों के सँग वक्त कुछ हम बितायें

नए साल के जश्न को हम मनाने
धमाका जरा झुग्गियों में मचायें

नहीं झुकने सर देंगे अपने वतन का
कसम हम चलो आज कुछ ऐसी खायें

बुझे दीप इस साल जिनके घरों के
उन्ही वीरों के नाम दीपक जलायें

यही दोस्तों कामना ‘अर्चना’ की
न आकाश धरती कहर हम पर ढायें
डॉ अर्चना गुप्ता

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