अहंकार एक ऐसे ज्वर के समान है जिसके उतरने के बाद ही नैतिकता,

अहंकार एक ऐसे ज्वर के समान है जिसके उतरने के बाद ही नैतिकता,संस्कार,और विनम्रता का उद्भव होता है।
RJ Anand Prajapati
अहंकार एक ऐसे ज्वर के समान है जिसके उतरने के बाद ही नैतिकता,संस्कार,और विनम्रता का उद्भव होता है।
RJ Anand Prajapati