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28 Jun 2024 · 1 min read

कभी कभी रास्ते भी उदास होते हैं ….बहुत उदास …..

कभी कभी रास्ते भी उदास होते हैं ….बहुत उदास …..
खासकर वो रास्ते जिनपर साथ चले होते हैं दो जोड़ी पैरों के निशां ……..
और उनमें से एक जोड़ी निशां तय कर लेते हैं एक लंबी दूरी …..
और दूसरे जोड़ी निशां ठहर जाते हैं…
और एक ही छोर की लगाते हैं कई परिक्रमा उम्रभर ….
इन निशानों की ना कोई मंज़िल होती है ना मंज़र ….ना कोई ठहराव …..
ये अनवरत चलते हैं …एक तयशुदा रफ्तार से
ऐसी रफ्तार जो सबसे धीमी होती है ….उतनी धीमी जितनी धीमी होती हैं मौन की तीव्र चीखें …
चिल्लाहटों में सिमटी सिसकियां …
क्रोध के पीछे छुपा प्रेम….
इन कदमों ने तय की होती है उम्र की एक लंबी दूरी महबूब की गलियों को नापते वक़्त ….
यर कदम सहसा वही ठिठकते हैं जहां से आगे बढ़ना इनके लिए बेहद जरूरी होता है ….
#विरह

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