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10 Feb 2025 · 1 min read

यूं ही नहीं समेटे रखी तेरी यादों को अपने सिरहाने तले मेरी जा

यूं ही नहीं समेटे रखी तेरी यादों को अपने सिरहाने तले मेरी जान
ये आज भी आंखे नम होने पर मुझे चुप कराया करती हैं

मेरे अपने विचार

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