Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Oct 2024 · 1 min read

4679.*पूर्णिका*

4679.*पूर्णिका*
🌷 जानते हरकत 🌷
212 22
जानते हरकत।
मानते हरकत।।
प्यार से सीना।
तानते हरकत।।
दिल सच्चा देखो।
छानते हरकत ।।
बदलती दुनिया।
ठानते हरकत।।
साथ है खेदू।
भानते हरकत।।
……….✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
16-10-2024 बुधवार

53 Views

You may also like these posts

कहाँ हो?
कहाँ हो?
Rambali Mishra
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐
Monika Verma
*वंदन शासक रामपुर, कल्बे अली उदार (कुंडलिया)*
*वंदन शासक रामपुर, कल्बे अली उदार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
Lokesh Sharma
रौशनी का गुलाम
रौशनी का गुलाम
Vivek Pandey
Good Night
Good Night
*प्रणय*
मैंने खुद को जाना, सुना, समझा बहुत है
मैंने खुद को जाना, सुना, समझा बहुत है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"खूबसूरत आंखें आत्माओं के अंधेरों को रोक देती हैं"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इंसानियत के लिए
इंसानियत के लिए
Dr. Rajeev Jain
कविता -नैराश्य और मैं
कविता -नैराश्य और मैं
Dr Tabassum Jahan
राष्ट्र की आधार शक्ति
राष्ट्र की आधार शक्ति
indu parashar
खुशियों की आँसू वाली सौगात
खुशियों की आँसू वाली सौगात
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Past Memories
Past Memories
Shyam Sundar Subramanian
परल दूध में नमक कहीं से, निमनो दूध जियान हो गइल
परल दूध में नमक कहीं से, निमनो दूध जियान हो गइल
अवध किशोर 'अवधू'
आंखो में है नींद पर सोया नही जाता
आंखो में है नींद पर सोया नही जाता
Ram Krishan Rastogi
ग़ज़ल (ये अन्दाज़ अपने निराले रहेंगे)
ग़ज़ल (ये अन्दाज़ अपने निराले रहेंगे)
डॉक्टर रागिनी
बारिश पर तीन कविताएं /©मुसाफिर बैठा
बारिश पर तीन कविताएं /©मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
" मेरी ओकात क्या"
भरत कुमार सोलंकी
सैल्यूट है थॉमस तुझे
सैल्यूट है थॉमस तुझे
Dr. Kishan tandon kranti
" रे, पंछी पिंजड़ा में पछताए "
Chunnu Lal Gupta
Poetry Writing Challenge-2 Result
Poetry Writing Challenge-2 Result
Sahityapedia
"डोली बेटी की"
Ekta chitrangini
" अकेलापन की तड़प"
Pushpraj Anant
"बचपन"
राकेश चौरसिया
प्रेम
प्रेम
Saraswati Bajpai
2572.पूर्णिका
2572.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हिन्दू-मुस्लिम
हिन्दू-मुस्लिम
Ashok Sharma
भीतर का तूफान
भीतर का तूफान
Sandeep Pande
ये सुबह खुशियों की पलक झपकते खो जाती हैं,
ये सुबह खुशियों की पलक झपकते खो जाती हैं,
Manisha Manjari
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
Loading...