Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Apr 2024 · 1 min read

Wait ( Intezaar)a precious moment of life:

Wait ( Intezaar)a precious moment of life:

Only during a period of long wait,
we realises that actually time is not running fast but it was the mind that was running.

Remember those moment when you were waiting for someone special to arrive.
Remember those moment when you were waiting for exam results.

Remember the time when you were trying to cope up with some personal pain and date in the calendar was seems to never get changed.

Wait is a precious moment, don’t let it go.

209 Views

You may also like these posts

-भ्रम में जीता है आदमी -
-भ्रम में जीता है आदमी -
bharat gehlot
रीत कहांँ
रीत कहांँ
Shweta Soni
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Akash Yadav
होली रहन से खेलऽ
होली रहन से खेलऽ
आकाश महेशपुरी
■ सरोकार-
■ सरोकार-
*प्रणय*
चुप अगर रहें तो व्यवधान नहीं है।
चुप अगर रहें तो व्यवधान नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तमाम उम्र अंधेरों ने मुझे अपनी जद में रखा,
तमाम उम्र अंधेरों ने मुझे अपनी जद में रखा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुंए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है
कुंए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है
शेखर सिंह
आज नहीं तो कल निकलेगा..!
आज नहीं तो कल निकलेगा..!
पंकज परिंदा
"दोस्ती की उम्र "
Dr. Kishan tandon kranti
एक किताब खोलो
एक किताब खोलो
Dheerja Sharma
अपात्रता और कार्तव्यहीनता ही मनुष्य को धार्मिक बनाती है।
अपात्रता और कार्तव्यहीनता ही मनुष्य को धार्मिक बनाती है।
Dr MusafiR BaithA
श्रृंगार रस पर मुक्तक
श्रृंगार रस पर मुक्तक
Dr Archana Gupta
“ज़ायज़ नहीं लगता”
“ज़ायज़ नहीं लगता”
ओसमणी साहू 'ओश'
जिंदगी
जिंदगी
Dr.Priya Soni Khare
''हम मिलेंगे ''
''हम मिलेंगे ''
Ladduu1023 ladduuuuu
सूरज क्यों चमकता है?
सूरज क्यों चमकता है?
Nitesh Shah
बंदर के तलवार
बंदर के तलवार
RAMESH SHARMA
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
2973.*पूर्णिका*
2973.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उसने मुझे बिहारी ऐसे कहा,
उसने मुझे बिहारी ऐसे कहा,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सच तो रंग काला भी कुछ कहता हैं
सच तो रंग काला भी कुछ कहता हैं
Neeraj Agarwal
नादान नहीं है हम ,सब कुछ समझते है ।
नादान नहीं है हम ,सब कुछ समझते है ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
कसौटी से गुजारा जा रहा है
कसौटी से गुजारा जा रहा है
अरशद रसूल बदायूंनी
अर्थहीन हो गई पंक्तियां कविताओं में धार कहां है।
अर्थहीन हो गई पंक्तियां कविताओं में धार कहां है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
श्यामा चिड़िया
श्यामा चिड़िया
जगदीश शर्मा सहज
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
सबसे बड़ा झूठ
सबसे बड़ा झूठ
Sudhir srivastava
इश्क़ किया नहीं जाता
इश्क़ किया नहीं जाता
Surinder blackpen
दो रंगों में दिखती दुनिया
दो रंगों में दिखती दुनिया
डॉ. दीपक बवेजा
Loading...