कमर तोड़ मेहनत करके भी, कमर तोड़ मेहनत करके भी, किसान-मजदूर का भरे नहीं पेट। बसंत-शिशिर का भेद न मालूम, एक दिन जाऐगा अर्थी पर लेट।।