Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2024 · 1 min read

धनुष वर्ण पिरामिड

धनुष वर्ण पिरामिड

रे
प्रिय
देखत
हूँ तुझको
तुम स्नेहिल
उर्मिल पावन
सा लगते नित हो
बहते प्रति पल
मधु वायु बने
रहते दिल
खोल सदा
चलते
शिव
सा

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 114 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
बस यूं बहक जाते हैं तुझे हर-सम्त देखकर,
बस यूं बहक जाते हैं तुझे हर-सम्त देखकर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गुनगुनाने लगे
गुनगुनाने लगे
Deepesh Dwivedi
शुभांगी छंद
शुभांगी छंद
Rambali Mishra
भारत की ---
भारत की ---
उमा झा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
बहशीपन की हद पार कर गया आदमी ,
बहशीपन की हद पार कर गया आदमी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मन में रख विश्वास
मन में रख विश्वास
Anant Yadav
वक्त
वक्त
Ramswaroop Dinkar
बहुत खूबसूरत है मोहब्बत ,
बहुत खूबसूरत है मोहब्बत ,
Ranjeet kumar patre
जनहित में अगर उसका, कुछ काम नहीं होता।
जनहित में अगर उसका, कुछ काम नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
डर किस बात का है तुझे,
डर किस बात का है तुझे,
श्याम सांवरा
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
रमेशराज के त्योहार एवं अवसरविशेष के बालगीत
रमेशराज के त्योहार एवं अवसरविशेष के बालगीत
कवि रमेशराज
जागरूकता
जागरूकता
Neeraj Kumar Agarwal
तन्हाई को जीते जीते
तन्हाई को जीते जीते
हिमांशु Kulshrestha
"सावधान"
Dr. Kishan tandon kranti
*धक्का-मुक्की हो रही, संसद का यों चित्र (कुंडलिया)*
*धक्का-मुक्की हो रही, संसद का यों चित्र (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
🙅Good Night🙅
🙅Good Night🙅
*प्रणय प्रभात*
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम।
सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम।
Abhishek Soni
जय श्री राम!
जय श्री राम!
Dr. Bharati Varma Bourai
If you don't make the time to work on creating the life you
If you don't make the time to work on creating the life you
पूर्वार्थ देव
हम तो बस कहते रहे, अपने दिल की बात।
हम तो बस कहते रहे, अपने दिल की बात।
Suryakant Dwivedi
25. Dream
25. Dream
Ahtesham Ahmad
अब तो ख़िलाफ़े ज़ुल्म ज़ुबाँ खोलिये मियाँ
अब तो ख़िलाफ़े ज़ुल्म ज़ुबाँ खोलिये मियाँ
Sarfaraz Ahmed Aasee
तन्हा ख़्याल
तन्हा ख़्याल
प्रकाश कुमार "बाग़ी"
जब मुझसे मिलने आना तुम
जब मुझसे मिलने आना तुम
Shweta Soni
Loading...