Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2024 · 1 min read

धन्य बिहार !

देश हमारा भारत प्यारा
अपना राज्य बिहार है।
इसकी है गौरव- गाथा
भविष्य उज्ज्वल आपार है।

इसकी सीमाओं को छूता
उत्तर प्रदेश, झारखंड, बंगाल है।
उत्तर में इसे है छूता
पड़ोसी देश नेपाल है।

युग- युग से गंगा बहती है
कोशी करती पुकार है
विश्व -शांति के संदेशों से
सुखी सारा संसार है।

मिथिला, मगध,अंग की धरती
बनी यहां आर्यों की बस्ती
वसुंधरा की पुत्री विदेही सीता
महावीर बुद्ध का अवतार है।

है गणतंत्र का बीज यहां
सत्य -अहिंसा का संदेश यहां
शिक्षा व सेवा का केंद्र यहां
विक्रमशिला, नालंदा, बौद्ध बिहार है।

है यहां राष्ट्र का गौरव
उद्यानों में फूलों का सौरभ
चाणक्य, चंद्रगुप्त, अशोक हैं
गुरु गोविंद, शेरशाह सूर है।

पीर अली, कुंवर सिंह, तिलक का
महात्मा गांधी का चंपारण हैं
देशरत्न, जयप्रकाश यहां का
बिहार केशरी का मुंगेर है।

यह धरती खेत खलिहान की
यह धरती नए बिहान की
गणित, ज्ञान और विज्ञान की
आर्यभट्ट, विद्यापति, दिनकर की है।

बौद्ध गया का धर्मचक्र आगे सदा बढ़ेगा
विकास का, विजय का रथ भी बढ़ेगा
समर शेष है, शेष समर भी जीतेंगे हम
बह रहा यहां सद्भाव का व्यार है।

दूर अभी बहुत है जाना
बनाना है समृद्ध बिहार
जन- जन का सपना करना साकार है
सभी को, सबका मिलता प्यार हैं।

धन्य बिहार! धन्य बिहार!! धन्य बिहार है!!
***************************************
स्वरचित: घनश्याम पोद्दार, मुंगेर

Language: Hindi
74 Views
Books from Ghanshyam Poddar
View all

You may also like these posts

कान्हा जन्मोत्सव
कान्हा जन्मोत्सव
श्रीहर्ष आचार्य
.............सही .......
.............सही .......
Naushaba Suriya
28. बेघर
28. बेघर
Rajeev Dutta
नई दृष्टि निर्माण किये हमने।
नई दृष्टि निर्माण किये हमने।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
एक ही तो, निशा बचा है,
एक ही तो, निशा बचा है,
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
इश्क
इश्क
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ज़िंदगानी सजाते चलो
ज़िंदगानी सजाते चलो
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
"सूर्य -- जो अस्त ही नहीं होता उसका उदय कैसे संभव है" ! .
Atul "Krishn"
मेरी पहचान!
मेरी पहचान!
कविता झा ‘गीत’
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
डॉ० रोहित कौशिक
नव प्रबुद्ध भारती
नव प्रबुद्ध भारती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दो न मुझे
दो न मुझे
sheema anmol
विजय दशमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
विजय दशमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
Sonam Puneet Dubey
3906.💐 *पूर्णिका* 💐
3906.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
विजेता सूची- “संवेदना” – काव्य प्रतियोगिता
विजेता सूची- “संवेदना” – काव्य प्रतियोगिता
Sahityapedia
तुम्हीं से आरम्भ तो तुम्हीं पे है खत्म होती मेरी कहानी
तुम्हीं से आरम्भ तो तुम्हीं पे है खत्म होती मेरी कहानी
Dr Archana Gupta
" जीवन "
Dr. Kishan tandon kranti
देखकर तुम न यूँ अब नकारो मुझे...!
देखकर तुम न यूँ अब नकारो मुझे...!
पंकज परिंदा
नफरतों से अब रिफाक़त पे असर पड़ता है। दिल में शक हो तो मुहब्बत पे असर पड़ता है। ❤️ खुशू खुज़ू से अमल कोई भी करो साहिब। नेकियों से तो इ़बादत पे असर पड़ता है।
नफरतों से अब रिफाक़त पे असर पड़ता है। दिल में शक हो तो मुहब्बत पे असर पड़ता है। ❤️ खुशू खुज़ू से अमल कोई भी करो साहिब। नेकियों से तो इ़बादत पे असर पड़ता है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"प्यार तुमसे करते हैं "
Pushpraj Anant
ये एक तपस्या का फल है,
ये एक तपस्या का फल है,
Shweta Soni
🙅आत्म-कथ्य🙅
🙅आत्म-कथ्य🙅
*प्रणय*
संघर्ष के पथ साथ की आशा भटकाव बनेगी
संघर्ष के पथ साथ की आशा भटकाव बनेगी
पूर्वार्थ
★आखिरी पंक्ति ★
★आखिरी पंक्ति ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
" लोग "
Chunnu Lal Gupta
ज़ेहन से
ज़ेहन से
हिमांशु Kulshrestha
*जो अपना छोड़‌कर सब-कुछ, चली ससुराल जाती हैं (हिंदी गजल/गीतिका)*
*जो अपना छोड़‌कर सब-कुछ, चली ससुराल जाती हैं (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
शब-ए-सुखन भी ज़रूरी है,
शब-ए-सुखन भी ज़रूरी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*हम नदी के दो किनारे*
*हम नदी के दो किनारे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वादा निभाना
वादा निभाना
surenderpal vaidya
Loading...