ज़ख़्म-ए-दिल आज मुस्कुरा देंगे
याद दिल में जब जब तेरी आईं
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
*चम्मच पर नींबू रखा, डंडी मुॅंह में थाम*
ज़िन्दगी की बोझ यूँ ही उठाते रहेंगे हम,
गाँधी हमेशा जिंदा है
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
।। कीर्ति ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
आइए जलते हैं
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
हसरतें
Sarla Sarla Singh "Snigdha "