इश्क कहते हो तुम जिसे

इश्क कहते हो तुम जिसे
वो तो अक्सर झूठ का एक नक़ाब है
आना जाना तो रहता है दिल का हर हंसी चीज़ पे
फिर क्यूं ये रोग पालने का लोगों को शौक है
इश्क कहते हो तुम जिसे
वो तो अक्सर झूठ का एक नक़ाब है
आना जाना तो रहता है दिल का हर हंसी चीज़ पे
फिर क्यूं ये रोग पालने का लोगों को शौक है