Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 1 min read

कुछ गहरा सा

लिखना तो है
मुझे भी कुछ गहरा सा
जिसे कोई भी पढ़े
बस समझ तुम सको
वह गहराई शब्दों तक
कहाँ पहुँचती है
जो हमारी बातों में थी
शब्द तो सतह पर तैरते हैं
केवल मौन गहरा है
शब्द नहीं है
फिर भी वार्तालाप है
जो पूर्ण है अपने आप में
बस विस्तार है
कुछ सवाल मेरी आँखों के
जवाब तुम्हारी आँखों में हैं
जो बस आँखें ही
कहती समझती हैं
हमारी गूढ़ मंत्रणा
हमारी खिलखिलाहटें
शरारतें नाराज़गी
एक तलाश ज़िंदगी की
जो आँखों में सिमटती है
लिखना तो है
मुझे भी कुछ गहरा सा
जिससे कोई भी पढ़े
बस समझ तुम सको…

©️कंचन”अद्वैता”

60 Views
Books from Kanchan Advaita
View all

You may also like these posts

जिंदगी तेरे हंसी रंग
जिंदगी तेरे हंसी रंग
Harminder Kaur
नारी
नारी
Dr.Pratibha Prakash
लोग कहते ही दो दिन की है ,
लोग कहते ही दो दिन की है ,
Sumer sinh
सपनों का घर
सपनों का घर
Vibha Jain
कान्हा ओ कान्हा!
कान्हा ओ कान्हा!
Jaikrishan Uniyal
2502.पूर्णिका
2502.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हाइकु (मैथिली)
हाइकु (मैथिली)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
दहेज एक समस्या– गीत।
दहेज एक समस्या– गीत।
Abhishek Soni
उनसे ही धोखा मिला ,जिन पर किया यकीन
उनसे ही धोखा मिला ,जिन पर किया यकीन
RAMESH SHARMA
जीवन है परिवर्तनशील
जीवन है परिवर्तनशील
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मैं
मैं
Vivek saswat Shukla
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
তুমি জে স্যাং থাকো তো
তুমি জে স্যাং থাকো তো
DrLakshman Jha Parimal
कोई नाराज़गी है तो बयाँ कीजिये हुजूर,
कोई नाराज़गी है तो बयाँ कीजिये हुजूर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क करना
इश्क करना
Ranjeet kumar patre
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
*Hail Storm*
*Hail Storm*
Veneeta Narula
कहती रातें...।
कहती रातें...।
*प्रणय*
सरिए से बनाई मोहक कलाकृतियां……..
सरिए से बनाई मोहक कलाकृतियां……..
Nasib Sabharwal
तुम्हीं रस्ता तुम्हीं मंज़िल
तुम्हीं रस्ता तुम्हीं मंज़िल
Monika Arora
नई दृष्टि
नई दृष्टि
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
*पिता (दोहा गीतिका)*
*पिता (दोहा गीतिका)*
Ravi Prakash
जिन स्वप्नों में जीना चाही
जिन स्वप्नों में जीना चाही
Indu Singh
ईश्वर ने हमें सुख दिया है, दुःख हम स्वयं निर्माण कर रहे हैं।
ईश्वर ने हमें सुख दिया है, दुःख हम स्वयं निर्माण कर रहे हैं।
Ravikesh Jha
इच्छा शक्ति अगर थोड़ी सी भी हो तो निश्चित
इच्छा शक्ति अगर थोड़ी सी भी हो तो निश्चित
Paras Nath Jha
रिश्तों की डोर
रिश्तों की डोर
पं अंजू पांडेय अश्रु
अन्तर्वासना का ज्वर किसी भी लड़की की तरफ आकर्षण का प्रमुख का
अन्तर्वासना का ज्वर किसी भी लड़की की तरफ आकर्षण का प्रमुख का
Rj Anand Prajapati
विडम्बना
विडम्बना
Shaily
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सांकल
सांकल
Dr.Priya Soni Khare
Loading...