Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।

कभी लगता है ये ज़िन्दगी सफर में बीत जाए,
कभी एक घर की तलब सी जगती है।
कभी फिजायें चाहती हैं, स्वछंदता साँसों में घुल जाए,
कभी आस आँगन की, दिल में घर सा करती है।
कभी निर्भीकता कहती है, हर बंधन टूट जाए,
कभी ख्वाहिशें बंधनों की, ये धड़कनें हीं किया करती हैं।
कभी शब्द कहते हैं, बातें मौन में समा जाए,
कभी अनकही बातों को बाँटने की चाहतें सजती हैं।
कभी दर्द कहता है, अश्क़ पलकों में हीं छिप जाए,
कभी सिसकियाँ खुल के रोने की दुआएं करती हैं।
कभी लकीरें चाहती हैं, नसीबों से लड़ती जाएँ,
कभी एकतरफा सौदा, ये किस्मत की आवारगी से करती है।
कभी डरता है दिल कि फिर से टूट ना जाए,
कभी भ्रम बिखरे टुकड़ों के जुड़े होने का ज़हन करती है।
कभी थकान चाहती है, एक पड़ाव कहीं तो मिल जाए,
कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।

67 Views
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

*गुड नाईट*
*गुड नाईट*
*प्रणय*
कलाकारी में भी यूं चार चांद लगाते हैं,
कलाकारी में भी यूं चार चांद लगाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
2604.पूर्णिका
2604.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*संस्मरण*
*संस्मरण*
Ravi Prakash
हमको इतनी आस बहुत है
हमको इतनी आस बहुत है
Dr. Alpana Suhasini
क्षणिका. . .
क्षणिका. . .
sushil sarna
*मुश्किल है इश्क़ का सफर*
*मुश्किल है इश्क़ का सफर*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*आदिशक्ति का अंश*
*आदिशक्ति का अंश*
ABHA PANDEY
.... कुछ....
.... कुछ....
Naushaba Suriya
मै मानव  कहलाता,
मै मानव कहलाता,
कार्तिक नितिन शर्मा
मन का महाभारत
मन का महाभारत
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"चौराहे में"
Dr. Kishan tandon kranti
"अमरूद की महिमा..."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
12. *नारी- स्थिति*
12. *नारी- स्थिति*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
प्रीतम
प्रीतम
श्रीहर्ष आचार्य
आज के समय में हर व्यक्ति अपनी पहचान के लिए संघर्षशील है।
आज के समय में हर व्यक्ति अपनी पहचान के लिए संघर्षशील है।
Annu Gurjar
कविता
कविता
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
छोड़ दो
छोड़ दो
Pratibha Pandey
सख्त लगता है
सख्त लगता है
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
दिल दिया है प्यार भी देंगे
दिल दिया है प्यार भी देंगे
जय लगन कुमार हैप्पी
चले आना तुम
चले आना तुम
Jyoti Roshni
रिश्तों की आड़ में
रिश्तों की आड़ में
Chitra Bisht
गीत- मुझे तू छोड़ जाएगी...
गीत- मुझे तू छोड़ जाएगी...
आर.एस. 'प्रीतम'
शायरी
शायरी
Rambali Mishra
धार्मिक सौहार्द एवम मानव सेवा के अद्भुत मिसाल सौहार्द शिरोमणि संत श्री सौरभ
धार्मिक सौहार्द एवम मानव सेवा के अद्भुत मिसाल सौहार्द शिरोमणि संत श्री सौरभ
World News
आस भरी आँखें , रोज की तरह ही
आस भरी आँखें , रोज की तरह ही
Atul "Krishn"
खत लिखना
खत लिखना
surenderpal vaidya
इतने बीमार
इतने बीमार
Dr fauzia Naseem shad
कभी कभी आईना भी,
कभी कभी आईना भी,
शेखर सिंह
पढ़े लिखें परिंदे कैद हैं, माचिस से मकान में।
पढ़े लिखें परिंदे कैद हैं, माचिस से मकान में।
पूर्वार्थ
Loading...