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22 Oct 2024 · 1 min read

खत लिखना

गीतिका
~~
बहुत कम हो गया है आज खत लिखना।
वजह है शीघ्र से उनका नहीं मिलना।

सभी के हाथ में है आज मोबाइल।
तजो अब चिट्ठियों की व्यर्थ सब रटना।

हुई है खत्म घड़ियां अब प्रतीक्षा की।
यहां पर शीघ्र मिलता साथ है अपना।

बना इतिहास है अब पत्र लेखन का।
सहज अब फोन पर संवाद है करना।

समय बदला नयी तकनीक के कारण।
हुआ संभव कभी हर बात को सुनना।

मिटी हैं दूरियां सब पास हैं अपने।
बहुत भाता सदा नजदीकियां बढ़ना।

बहुत जादू भरी है आज की दुनिया।
परिंदों को खुले आकाश में उड़ना।
~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, २२/१०/२०२४

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