'सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले। ये च हेलिमरी
उम्र भर इस प्रेम में मैं बस तुम्हारा स्वप्न पाऊंँ
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
अगर मैं तमाचा जड़ दूं किसी के अहम पर तो हंगामा ही तो होगा।।
जो कभी सबके बीच नहीं रहे वो समाज की बात कर रहे हैं।
ख्वाब रूठे हैं मगर हौसले अभी जिंदा है हम तो वो शख्स हैं जिसस
What strange things did Modi Ji say on foreign soil? The ear
दस्तक देते हैं तेरे चेहरे पर रंग कई,
*रामपुर में विवाह के अवसर पर सेहरा गीतों की परंपरा*
क्यों बात करें बीते कल की
एक गल्ती ने सांवरे की, नजरों से गिरा दिया।