बहुत बुरी होती है यह बेरोजगारी
हमारे इस छोटे से जीवन में कुछ भी यूँ ही नहीं घटता। कोई भी अक
जिन्दा हूं जीने का शौक रखती हूँ
सम्बन्ध (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
पुरानी यादें, पुराने दोस्त, और पुरानी मोहब्बत बहुत ही तकलीफ
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
चाँद यूँ ही नहीं छुपा होगा।
क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,