Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2024 · 1 min read

*प्राण-प्रतिष्ठा सच पूछो तो, हुई राष्ट्र अभिमान की (गीत)*

प्राण-प्रतिष्ठा सच पूछो तो, हुई राष्ट्र अभिमान की (गीत)
______________________
प्राण-प्रतिष्ठा सच पूछो तो, हुई राष्ट्र अभिमान की
1)
शुभ मुहूर्त में रामलला घर, अपने वापस आए
मोदी जी ने प्राण-प्रतिष्ठित, करके पुष्प चढ़ाए
अंकित तिथि बाईस जनवरी, भारत की पहचान की
2)
गली-गली हर सड़क दीखती, राम-ध्वजा फहराती
शोभा यात्राऍं भंडारे, भजन मंडली गाती
सीमा अपरंपार हर्ष की, होठों पर मुस्कान की
3)
धन्य भाग्य वह जिन्हें निमंत्रण, प्रभु-नगरी से आया
धन्य-धन्य वे जिन्हें प्रसारण, शुभ सजीव दिख पाया
लिखी पटकथा आज समय ने, नूतन हिंदुस्तान की
प्राण-प्रतिष्ठा सच पूछो तो, हुई राष्ट्र अभिमान की
———————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

223 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

*जग में होता मान उसी का, पैसा जिसके पास है (हिंदी गजल)*
*जग में होता मान उसी का, पैसा जिसके पास है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
मन के भाव
मन के भाव
Surya Barman
तुम जो आसमान से
तुम जो आसमान से
SHAMA PARVEEN
सफर में हमसफ़र
सफर में हमसफ़र
Atul "Krishn"
जीवन जिंदा है...
जीवन जिंदा है...
Ritesh Deo
जिसने बंदूक बनाई / कमलजीत चौधरी
जिसने बंदूक बनाई / कमलजीत चौधरी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
यूं किसने दस्तक दी है दिल की सियासत पर,
यूं किसने दस्तक दी है दिल की सियासत पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सस्ता ख़ून-महंगा पानी
सस्ता ख़ून-महंगा पानी
Namita Gupta
ढलता सूरज गहराती लालिमा देती यही संदेश
ढलता सूरज गहराती लालिमा देती यही संदेश
Neerja Sharma
हमारी सोच
हमारी सोच
Neeraj Agarwal
प्रतिस्पर्धाओं के इस युग में सुकून !!
प्रतिस्पर्धाओं के इस युग में सुकून !!
Rachana
धरा का गहना
धरा का गहना
अरशद रसूल बदायूंनी
वे वादे, जो दो दशक पुराने हैं
वे वादे, जो दो दशक पुराने हैं
Mahender Singh
"बात पते की"
Dr. Kishan tandon kranti
3845.💐 *पूर्णिका* 💐
3845.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हर एक हृदय से
हर एक हृदय से
Shweta Soni
मैं  गुल  बना  गुलशन  बना  गुलफाम   बना
मैं गुल बना गुलशन बना गुलफाम बना
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
हशरत नहीं है कि, तुम हमें चाहों।
हशरत नहीं है कि, तुम हमें चाहों।
Annu Gurjar
हाय गरीबी जुल्म न कर
हाय गरीबी जुल्म न कर
कृष्णकांत गुर्जर
वक्त के सिरहाने पर .........
वक्त के सिरहाने पर .........
sushil sarna
ज्ञानी
ज्ञानी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
इस नदी की जवानी गिरवी है
इस नदी की जवानी गिरवी है
Sandeep Thakur
उसका आना
उसका आना
हिमांशु Kulshrestha
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
मैं हमेशा के लिए भूल जाना चाहता हूँ कि
मैं हमेशा के लिए भूल जाना चाहता हूँ कि "कल क्या था।"
*प्रणय*
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
बाल कविता: जंगल का बाज़ार
Rajesh Kumar Arjun
जिस चीज को किसी भी मूल्य पर बदला नहीं जा सकता है,तो उसको सहन
जिस चीज को किसी भी मूल्य पर बदला नहीं जा सकता है,तो उसको सहन
Paras Nath Jha
विश्व भर में अम्बेडकर जयंती मनाई गयी।
विश्व भर में अम्बेडकर जयंती मनाई गयी।
शेखर सिंह
कड़वा सच
कड़वा सच
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...