Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Apr 2024 · 1 min read

“किताबों में उतारो”

“किताबों में उतारो”
कब्रों में नहीं हमें किताबों में उतारो
सातों दिन चौबीसों घण्टे
हम मोहब्बत की कहानी लिखे हैं..

3 Likes · 3 Comments · 256 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

मोहब्बत जब होगी
मोहब्बत जब होगी
Surinder blackpen
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
मैं जी.आज़ाद हूँ
मैं जी.आज़ाद हूँ
gurudeenverma198
यूँ ही बीतते जाएंगे
यूँ ही बीतते जाएंगे
हिमांशु Kulshrestha
#कृतज्ञता-
#कृतज्ञता-
*प्रणय प्रभात*
प्राणों से प्यारा देश हमारा
प्राणों से प्यारा देश हमारा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बरसने लगे जो कभी ये बादल I
बरसने लगे जो कभी ये बादल I
PRATIK JANGID
नकाब ....
नकाब ....
sushil sarna
ईश्वर का
ईश्वर का "ह्यूमर" रचना शमशान वैराग्य -  Fractional Detachment  
Atul "Krishn"
“अंग्रेज़ बहुत चालाक हैं। भरी बरसात में स्वतंत्र करके चले गए
“अंग्रेज़ बहुत चालाक हैं। भरी बरसात में स्वतंत्र करके चले गए
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
#दादा जी की यादों से
#दादा जी की यादों से
"एकांत "उमेश*
Merry Christmas
Merry Christmas
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
जीवन हो गए
जीवन हो गए
Suryakant Dwivedi
अंतस का तम मिट जाए
अंतस का तम मिट जाए
Shweta Soni
बेज़ार सफर (कविता)
बेज़ार सफर (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
मिट्टी है अनमोल
मिट्टी है अनमोल
surenderpal vaidya
आखिरी सफ़र (ग़ज़ल)
आखिरी सफ़र (ग़ज़ल)
ओनिका सेतिया 'अनु '
दो वक्त की रोटी नसीब हो जाए
दो वक्त की रोटी नसीब हो जाए
VINOD CHAUHAN
रंगीला संवरिया
रंगीला संवरिया
Arvina
Vishal Prajapati.
Vishal Prajapati.
Vishal Prajapati
"मेरा प्यार "
DrLakshman Jha Parimal
जीवन की दास्तां सुनाऊं मिठास के नाम में
जीवन की दास्तां सुनाऊं मिठास के नाम में
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आज #कारगिल_विजय दिवस के मौक़े पर सरहद की हिफ़ाज़त के लिये शह
आज #कारगिल_विजय दिवस के मौक़े पर सरहद की हिफ़ाज़त के लिये शह
Neelofar Khan
मधुर बरसात
मधुर बरसात
C S Santoshi
मैं भागीरथ हो जाऊ ,
मैं भागीरथ हो जाऊ ,
Kailash singh
'आलम-ए-वजूद
'आलम-ए-वजूद
Shyam Sundar Subramanian
नई उम्मीद
नई उम्मीद
Mansi Kadam
धर्मराज
धर्मराज
Vijay Nagar
जिन्दगी पहलू नहीं पहेली है।
जिन्दगी पहलू नहीं पहेली है।
Pratibha Pandey
खामोशी से खामोश रहने का
खामोशी से खामोश रहने का
ARVIND KUMAR GIRI
Loading...