Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2024 · 1 min read

बेज़ार सफर (कविता)

बेज़ार सफर

बाजार हुए बैठे हैं
की दिल से लाचार हुए बैठे हैं
बस जेहन में है
एक सवालों की गुत्थी
ना उलझती है ना सुलझती है
बस एक अजीब कसमकस लिए बैठे हैं ना हंस पाते हैं
ना रो पाते हैं
दिल में अजीब ख्यालात हैं जैसे कोई पत्थर सीने में लिए बैठे हैं
भला क्या फर्क पड़ता है किसी को
क्यों हम किसी का मलाल लिए बैठे हैं तनहा है यहां कोई किसी के लिए फिर जाने क्यों हम ये अपना हाल लिए बैठे हैं एक रहती है टिश हर पल
दिल में चुभन बनकर
चुभती है किसी की रुसवाई
कांटे की तरह सीने में कि हम अपने ही एहसासों को लहू लहन लिए बैठे हैं
सीने से लगाते हैं उसकी तस्वीर को अश्कों से अश्क बहते हुए
क्यों सोचते हैं हम उसको होगा दर्द का एहसास
अपने ही पागलपन से हम पागल हुए बैठे हैं
आखिर कौन है वह मेरा
अपना है क्यों रुकता नहीं
गैर है तो फिर जाता नहीं क्यों नहीं
इस सवाल से ही हम खुद की कब्र बनाए बैठे हैं
रोते हुए गर देखता हूं आईना
आईना भी आंसू देख कर हंस देता है कहता है कौन है तेरा
इस तनहा सफर का साथी हंसना रोना ही तो साथ चलेगा सफर में तेरे
आखिर क्यों लाचार हुए बैठा हैं

Language: Hindi
174 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मज़हबी आग
मज़हबी आग
Dr. Kishan Karigar
पतंग
पतंग
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
पुस्तक
पुस्तक
Vedha Singh
देशभक्ति(मुक्तक)
देशभक्ति(मुक्तक)
Dr Archana Gupta
वक्त को जिसने खोया है ।
वक्त को जिसने खोया है ।
DR. RAKESH KUMAR KURRE
ज़िंदगी से
ज़िंदगी से
Dr fauzia Naseem shad
वक्त
वक्त
Dinesh Kumar Gangwar
बचपन की वो बिसरी यादें...!!
बचपन की वो बिसरी यादें...!!
पंकज परिंदा
तुमने मुझको कुछ ना समझा
तुमने मुझको कुछ ना समझा
Suryakant Dwivedi
मोहब्बत का पैगाम
मोहब्बत का पैगाम
Ritu Asooja
नौतपा
नौतपा
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"आत्मा के अमृत"
Dr. Kishan tandon kranti
वफ़ा की तहरीरें - चंद अशआर
वफ़ा की तहरीरें - चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
अब कोई ज़ख्म भी मिल जाए तो महसूस नहीं होता है
अब कोई ज़ख्म भी मिल जाए तो महसूस नहीं होता है
Ravi Betulwala
कोहरे के दिन
कोहरे के दिन
Ghanshyam Poddar
स्त्रियाँ
स्त्रियाँ
Shweta Soni
परीक्षा है सर पर..!
परीक्षा है सर पर..!
भवेश
चश्मा
चश्मा
Awadhesh Singh
वो क्या देंगे साथ है,
वो क्या देंगे साथ है,
sushil sarna
मालिक मेरे करना सहारा ।
मालिक मेरे करना सहारा ।
Buddha Prakash
Dil ki bat 🫰❤️
Dil ki bat 🫰❤️
Rituraj shivem verma
सपने
सपने
surenderpal vaidya
अ
*प्रणय प्रभात*
"कितनी नादान है दिल"
राकेश चौरसिया
दहेज
दहेज
लक्ष्मी सिंह
दोस्त
दोस्त
Rambali Mishra
बड़ा सा आँगन और गर्मी की दुपहरी मे चिट्ठी वाले बाबा (डाकिया)
बड़ा सा आँगन और गर्मी की दुपहरी मे चिट्ठी वाले बाबा (डाकिया)
पूर्वार्थ
मांदर बाजय रे गोरी नाचे न
मांदर बाजय रे गोरी नाचे न
Santosh kumar Miri
खुद से ही अब करती बातें
खुद से ही अब करती बातें
Mamta Gupta
मुस्कुरा के चलीं
मुस्कुरा के चलीं
आकाश महेशपुरी
Loading...