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2 Sep 2024 · 1 min read

*बना दे शिष्य अपराजित, वही शिक्षक कहाता है (मुक्तक)*

बना दे शिष्य अपराजित, वही शिक्षक कहाता है (मुक्तक)
________________________
न काटा बच सका जिसका, वही तक्षक कहाता है
बचाता ईश है सबको, वही रक्षक कहाता है
पराजित हैं जगत में वे, अपढ़ जो रह गए समझो
बना दे शिष्य अपराजित, वही शिक्षक कहाता है
——————————————–
तक्षक = अत्यंत विषैला सर्प
——————————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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