Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Oct 2024 · 1 min read

मिट्टी है अनमोल

गीत
~~~~
मिट्टी से घुल-मिल रहना है
मिट्टी है अनमोल

सुन्दर सुन्दर घर बन जाते
जहाँ हम सभी जीवन पाते
गर्मी सर्दी और वर्षा से
राहत पाते नहीं अघाते
आते जाते कहती माटी
अपनी आँखें खोल

बहकर वर्षा के पानी में
राहें जानी अनजानी में
खूब बही जाती है देखो
मौन समय की मनमानी में
सागर में मिल जाती गुपचुप
कभी न पाती बोल

साथ हवा के उड़ जाती है
स्थान नया फिर से पाती है
पानी हवा सभी से मिलकर
फसलें नूतन उग आती हैं
इसीलिए तो सब कहते हैं
यह दुनिया है गोल

रिमझिम मौसम में सावन में
वन उपवन में घर आँगन में
सौंधी खुशबू को बिखराकर
प्यार जगा देती हर मन में
निश्छल मन का साथ निभाती
करती खूब किलोल
~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 109 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
*इंसान बन जाओ*
*इंसान बन जाओ*
Shashank Mishra
*सरिता में दिख रही भॅंवर है, फॅंसी हुई ज्यों नैया है (हिंदी
*सरिता में दिख रही भॅंवर है, फॅंसी हुई ज्यों नैया है (हिंदी
Ravi Prakash
" फेसबूक फ़्रेंड्स "
DrLakshman Jha Parimal
3654.💐 *पूर्णिका* 💐
3654.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
त्रिविध ताप
त्रिविध ताप
मनोज कर्ण
*पंचचामर छंद*
*पंचचामर छंद*
नवल किशोर सिंह
.
.
Shweta Soni
ए मेरे अयोध्या वासी
ए मेरे अयोध्या वासी
Baldev Chauhan
पंडित कोई जन्म से , हुआ नहीं विद्वान
पंडित कोई जन्म से , हुआ नहीं विद्वान
RAMESH SHARMA
भारत को फिर से स्वर्ग बना
भारत को फिर से स्वर्ग बना
Sarla Mehta
दहेज एक समस्या– गीत।
दहेज एक समस्या– गीत।
Abhishek Soni
जिन्हें जैसा चाहो मिल जाते हैं
जिन्हें जैसा चाहो मिल जाते हैं
Meera Thakur
मेरी सूरत हो
मेरी सूरत हो
Sumangal Singh Sikarwar
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
मुक्त दास
मुक्त दास
Otteri Selvakumar
जियो जी भर
जियो जी भर
Ashwani Kumar Jaiswal
#Kab tak
#Kab tak
"एकांत "उमेश*
प्रार्थना
प्रार्थना
Dr. Vaishali Verma
मेरा पता
मेरा पता
Jyoti Roshni
मैं हूँ, मुर्दा या जिंदा....
मैं हूँ, मुर्दा या जिंदा....
Madhu Gupta "अपराजिता"
जग गाएगा गीत
जग गाएगा गीत
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
प्रकृति के स्वरूप
प्रकृति के स्वरूप
डॉ० रोहित कौशिक
#कालजयी_पात्र
#कालजयी_पात्र
*प्रणय प्रभात*
आत्मबल
आत्मबल
Punam Pande
Jeewan
Jeewan
Gunjan Sharma
" जमीर "
Dr. Kishan tandon kranti
बोलती आंखें🙏
बोलती आंखें🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बेबस अबला क्या करे,
बेबस अबला क्या करे,
sushil sarna
दो शब्द
दो शब्द
Dr fauzia Naseem shad
Loading...