Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
26 Jan 2025 · 1 min read

“अंग्रेज़ बहुत चालाक हैं। भरी बरसात में स्वतंत्र करके चले गए

“अंग्रेज़ बहुत चालाक हैं। भरी बरसात में स्वतंत्र करके चले गए। उस कपटी प्रेमी की तरह भागे, जो प्रेमिका का छाता भी ले जाए। वह भीगती बस-स्टैंड जाती है, तो उसे प्रेमी की नहीं, छाता-चोर की याद सताती है। स्वतंत्रता-दिवस भीगता है और गणतंत्र-दिवस ठिठुरता है।”

[ हास्य व्यंग्य – ठिठुरता हुआ गणतंत्र ]

#RepublicDay2025

Loading...