"शब्दों की सार्थकता"
“शब्दों की सार्थकता”
शब्दों की सार्थकता तभी सम्भव होती है, जब वह कर्म में परिणित होकर साकार रूप लेता है।
“शब्दों की सार्थकता”
शब्दों की सार्थकता तभी सम्भव होती है, जब वह कर्म में परिणित होकर साकार रूप लेता है।