Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2024 · 1 min read

*निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा*-लोरी

निंदिया के झूले में ललना झुला जा।
आ जा री निंदिया! आ जा तू आजा।

चंदा का अँगना अरु तारों का आँचल,
छुप जा ओ ललना ज्यूँ अंखियन में काजल।
वारी-वारी जाए, ले बलइयाँ महतारी,
कजरारी अंखियन में निंदिया समा जा।
आ जा! री आजा!…

फूलों के, तितली के, माली के क़िस्से,
बचपन की बातें और नानी के क़िस्से,
क्यों बदली है दुनिया, दूर हुए अपने
रिश्तों की ख़ुशबू से साँसें महका जा।
आ जा! री आजा!…

सपने सलोने तू संग अपने लाये,
वीरों की भूमि की गाथा तू गाये,
कानों में क़िस्सा तू कोई सुना के
अंतस् में जज़्बा अनूठा जगा जा।
आ जा री!आजा!…

दादी का, मौसी का, मामा का प्यारा,
अम्मा अरु बाबा की आँखों का तारा,
हो जब बड़ा, मान सबका बढ़ाए
निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा।
आजा! री आजा!…

ऋषियों की, मुनियों की, संतों की वाणी,
वेदों, पूराणों से हमने जो जानी,
ममता की माला में, शिक्षा के मोती
परियों की रानी! तू आके पहना जा।
आ जा! री आजा!…

8 Likes · 5 Comments · 1266 Views
Books from Poonam Matia
View all

You may also like these posts

शिक्षा
शिक्षा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
क्या जलाएगी मुझे यह, राख झरती ठाँव मधुरे !
क्या जलाएगी मुझे यह, राख झरती ठाँव मधुरे !
Ashok deep
अब तो चरागों को भी मेरी फ़िक्र रहती है,
अब तो चरागों को भी मेरी फ़िक्र रहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मोहन
मोहन
Rambali Mishra
स्वर्ग से सुंदर अपना घर
स्वर्ग से सुंदर अपना घर
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जीवन में आगे बढ़ना है
जीवन में आगे बढ़ना है
Ghanshyam Poddar
आपको व आप के पूरे परिवार को नववर्ष की बहुत-बहुत बधाई एवं बहु
आपको व आप के पूरे परिवार को नववर्ष की बहुत-बहुत बधाई एवं बहु
Vishal Prajapati
हमको गैरों का जब सहारा है।
हमको गैरों का जब सहारा है।
सत्य कुमार प्रेमी
गर मनपसंद साथ ना मिले तो तन्हाई रास आ ही जाती है।
गर मनपसंद साथ ना मिले तो तन्हाई रास आ ही जाती है।
Shikha Mishra
आपको स्वयं के अलावा और कोई भी आपका सपना पूरा नहीं करेगा, बस
आपको स्वयं के अलावा और कोई भी आपका सपना पूरा नहीं करेगा, बस
Ravikesh Jha
आने जाने का
आने जाने का
Dr fauzia Naseem shad
भारत के राम
भारत के राम
करन ''केसरा''
कहती रातें...।
कहती रातें...।
*प्रणय*
पहले लोगों ने सिखाया था,की वक़्त बदल जाता है,अब वक्त ने सिखा
पहले लोगों ने सिखाया था,की वक़्त बदल जाता है,अब वक्त ने सिखा
Ranjeet kumar patre
*आठ माह की अद्वी प्यारी (बाल कविता)*
*आठ माह की अद्वी प्यारी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
*नए दौर में*
*नए दौर में*
Shashank Mishra
मन
मन
Sûrëkhâ
अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस
अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस
डॉ.सीमा अग्रवाल
उम्मीद
उम्मीद
Anop Bhambu
घुली अजब सी भांग
घुली अजब सी भांग
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सावधान मायावी मृग
सावधान मायावी मृग
Manoj Shrivastava
सिमट रहीं हैं वक्त की यादें, वक्त वो भी था जब लिख देते खत पर
सिमट रहीं हैं वक्त की यादें, वक्त वो भी था जब लिख देते खत पर
Lokesh Sharma
खतडु कुमाउं गढ़वाल के बिच में लड़ाई की वजह या फिर ऋतु परिवर्तन का त्यौहार
खतडु कुमाउं गढ़वाल के बिच में लड़ाई की वजह या फिर ऋतु परिवर्तन का त्यौहार
Rakshita Bora
अच्छी बात है
अच्छी बात है
Ashwani Kumar Jaiswal
"रंग भले ही स्याह हो" मेरी पंक्तियों का - अपने रंग तो तुम घोलते हो जब पढ़ते हो
Atul "Krishn"
4342.*पूर्णिका*
4342.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेरा चहेरा नज़र आता है
तेरा चहेरा नज़र आता है
Sonu sugandh
आजकल का प्यार
आजकल का प्यार
Dr.sima
हिंदी भाषा
हिंदी भाषा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Loading...