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23 Jun 2024 · 1 min read

खुशी ना जाने कहा दफ़न हो गई,

खुशी ना जाने कहा दफ़न हो गई,
और ज़िंदगी हमारी यूं ही सितम हो गई।
और सब कि जिंदगी में लिखी खुदा ने मोहब्बत,
और जब हमारी बारी आई तो स्याही ही ख़त्म हो गई।।
-सुधा

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