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25 Jan 2024 · 1 min read

शब्द

शब्द धनुष बाण हैं शब्द ही तो प्राण हैं
शब्द सुप्त हो न जाये शब्द को जगाइए ।।

शब्द शब्द वाक्य है वाक्य ही आवाज़ है
आवाज़ ही आवाम है आवाम को न टालिए ।।

आन बान शान शब्द व्यक्ति का है मान शब्द
मान को न छोड़िये मान मत छुड़ाईये ।।

शब्द रिक्त भर सकता शब्द प्राण हर सकता
इससे पहले शब्द बोलें शब्द को भी छाँटिए ।।

शब्द चुप नहीं रहता शब्द खुद नहीं बहता
आप ही हैं शब्द कोश शब्द को निकालिये ।।

शब्द आपका दर्पण शब्द आपका अंतर
गर्द पर्त चढ़ न जाय हर समय संवारिये ।।

शब्द शब्द ले के सीख शब्द शब्द ले के भीख
शब्द का अंबार हुआ शब्द शब्द बाँटिये ।।

शब्द पारगम्य नहीं शब्द है अक्षम्य नहीं
शब्द की परास कहाँ ढूंढने तो जाइये ।।

सत्य शरण जाइये धर्म शरण जाइये
इससे पहले मित्र मेरे शब्द शरण जाइये ।।

अजय मिश्र

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