Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2024 · 1 min read

आब-ओ-हवा

विषाक्त आब-ओ-हवा,
जीवन को करती त्रस्त,
दिनचर्या होती पस्त।
रूग्णता पांव पसारती,
कहर बरपाती,
बवाल मचाती।
दमघोंटू फ़िज़ा,
रोगियों की तादाद बढ़ाती,
मौत का
फरमान ले आती।
मानव जनित कृत्य
मानवता पर भारी है,
मुट्ठी भर लोगों का स्वार्थ,
क्षण-प्रति क्षण जारी है।
चंद कागज के टुकड़े,
कैसा खेल खिला रहे हैं,
इंसानी बस्ती में,
कुछ सांप तो कुछ,
सपोले नजर आ रहे हैं।
स्व हित से ऊपर उठकर
परहित का ध्यान धरें,
सुखमय हो जीवन सबका,
ऐसे मन में भाव भरें।

Language: Hindi
220 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

वासंती बयार
वासंती बयार
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
पूर्वार्थ
वो जो आए दुरुस्त आए
वो जो आए दुरुस्त आए
VINOD CHAUHAN
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Deepanjali Dubey
🌷*
🌷*"आदिशक्ति माँ कूष्मांडा"*🌷
Shashi kala vyas
एक लम्हे में
एक लम्हे में
Minal Aggarwal
प्राथमिकता
प्राथमिकता
Dr. Kishan tandon kranti
जल बचाकर
जल बचाकर
surenderpal vaidya
आँखों की नादानियाँ,
आँखों की नादानियाँ,
sushil sarna
इतना भी ख़ुद में कोई शाद अकेला न रहे,
इतना भी ख़ुद में कोई शाद अकेला न रहे,
Dr fauzia Naseem shad
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*बाल काले न करने के फायदे(हास्य व्यंग्य)*
*बाल काले न करने के फायदे(हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
मेरे सब्र का इंतिहा कब तलक होगा
मेरे सब्र का इंतिहा कब तलक होगा
Phool gufran
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आईना
आईना
Kanchan Advaita
सर्वप्रथम पिया से रंग
सर्वप्रथम पिया से रंग
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
जिन्दगी हर क़दम पर दो रास्ते देती है
जिन्दगी हर क़दम पर दो रास्ते देती है
Rekha khichi
मौसम _ने ली अंगड़ाई
मौसम _ने ली अंगड़ाई
Rajesh vyas
तेरे आने की आहट
तेरे आने की आहट
Chitra Bisht
" *लम्हों में सिमटी जिंदगी* ""
सुनीलानंद महंत
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
Arghyadeep Chakraborty
मन का आँगन
मन का आँगन
Mamta Rani
पंतग डोर
पंतग डोर
Neeraj Kumar Agarwal
पंडित आदमी हूं इसके अतिरिक्त हिन्दी मिडियम के बच्चों को अंग्
पंडित आदमी हूं इसके अतिरिक्त हिन्दी मिडियम के बच्चों को अंग्
Sachin Mishra
मैं बनारस का बेटा हूँ मैं गुजरात का बेटा हूँ मैं गंगा का बेट
मैं बनारस का बेटा हूँ मैं गुजरात का बेटा हूँ मैं गंगा का बेट
शेखर सिंह
3355.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3355.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
बात कोई ऐसी भी कह दो ।
बात कोई ऐसी भी कह दो ।
दीपक बवेजा सरल
होली का त्यौहार
होली का त्यौहार
Shriyansh Gupta
अक्सर तुट जाती हैं खामोशी ...
अक्सर तुट जाती हैं खामोशी ...
Manisha Wandhare
Colourful fruit
Colourful fruit
Buddha Prakash
Loading...