Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2024 · 1 min read

मुक़म्मल तो नहीं कोई बड़ा नादान समझे जो

मुक़म्मल तो नहीं कोई बड़ा नादान समझे जो
सिखाता वक़्त हरपल है करे वो मान समझे जो

आर. एस. ‘प्रीतम’
शब्दार्थ- मुक़म्मल- संपूर्ण, मान- इज़्ज़त

Language: Hindi
1 Like · 421 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all

You may also like these posts

एक मै था
एक मै था
अश्विनी (विप्र)
चक्र सुदर्शन धारी,अब चक्र चलाओ ना
चक्र सुदर्शन धारी,अब चक्र चलाओ ना
कृष्णकांत गुर्जर
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Arvind trivedi
संवेदना का कवि
संवेदना का कवि
Shweta Soni
एक फूल को सवांरने में,
एक फूल को सवांरने में,
श्याम सांवरा
मत्तगयन्द सवैया
मत्तगयन्द सवैया
लक्ष्मी सिंह
सत्य छिपकर तू कहां बैठा है।
सत्य छिपकर तू कहां बैठा है।
Taj Mohammad
🙅गारंटी की वारंटी🙅
🙅गारंटी की वारंटी🙅
*प्रणय प्रभात*
Hey....!!
Hey....!!
पूर्वार्थ
"अकेले का साथी होगा "
Madhu Gupta "अपराजिता"
” भेड़ चाल “
” भेड़ चाल “
ज्योति
कैसै कह दूं
कैसै कह दूं
Dr fauzia Naseem shad
A Hopeless Romantic
A Hopeless Romantic
Vedha Singh
बाल कविता : रेल
बाल कविता : रेल
Rajesh Kumar Arjun
उकेर गई
उकेर गई
sushil sarna
दिल की बात
दिल की बात
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
*खूबसूरती*
*खूबसूरती*
Ritu Asooja
"रेल चलय छुक-छुक"
Dr. Kishan tandon kranti
लेकिन कैसे हुआ मैं बदनाम
लेकिन कैसे हुआ मैं बदनाम
gurudeenverma198
ना वह हवा ना पानी है अब
ना वह हवा ना पानी है अब
VINOD CHAUHAN
$ग़ज़ल
$ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
आनेवाला अगला पल कौन सा ग़म दे जाए...
आनेवाला अगला पल कौन सा ग़म दे जाए...
Ajit Kumar "Karn"
3614.💐 *पूर्णिका* 💐
3614.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
पैसा
पैसा
Poonam Sharma
"आंखरी ख़त"
Lohit Tamta
सिलसिला शायरी से
सिलसिला शायरी से
हिमांशु Kulshrestha
वीरांगना अवंती बाई
वीरांगना अवंती बाई
guru saxena
अनेकता में एकता
अनेकता में एकता
Sunil Maheshwari
*मां*
*मां*
Shashank Mishra
बुंदेली दोहा- पलका (पलंग)
बुंदेली दोहा- पलका (पलंग)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...