मन ईलू-ईलू बोले [ लम्बी तेवरी-तेवर चालीसा ] +रमेशराज
बलिदान शहीदों का बेकार नहीं होगा
गयी ब्याज में गाय || लम्बी तेवरी-तेवर पच्चीसी || -रमेशराज
तकिया भिगोने से क्या फायदा
ग़ज़ल ..'''.....अक़्स बूंदों में दिखाते हैं..''
हो जाते माता पिता ,कोमल कभी कठोर
ग़ज़ल...'मरेंगे जिएंगे ; जिएंगे मरेंगे..'
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई...: छंद कुण्डलिया
देयर इज एन ऑलपिन [ दोहा-शतक ] +रमेशराज
ग़ज़ल ''....''पंजाबी हो गई हैं ''
भरें श्याम कैसे बताओ ये गागर