आप चुन लीजिए अपने आकाश को, तो सितारे भी हिस्से में आ जाएंगे
दुनिया में हज़ारों हैं , इन्सान फ़रिश्तों से ,
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
दौड़ना शुरू करोगे तो कुछ मिल जायेगा, ठहर जाओगे तो मिलाने वाल
हालात हैं सुधरते,,,, गज़ल
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
कहा कहां कब सत्य ने,मैं हूं सही रमेश.
मर्म का दर्द, छिपाना पड़ता है,